चर्चा में क्यों :–
- यह पहला मामला है जिसमे ऑस्ट्रेलिया में मनुष्य में एवियन फ्लू संक्रमण का मामला प्राप्त हुआ है
- ऑस्ट्रेलिया में एवियन फ्लू संक्रमण का एक प्रकार जिसे H5N1 कहा जाता है एक बच्चे में पाया गया है।
- यह गंभीर चिंता का कारण इसलिए है, क्योंकि यह वायरस ( H5N1 वायरस ) मुख्यत पशुओं को प्रभावित करता है।
- H5N1 वायरस से पशुओं के संक्रमित होने का खतरा होता है ।
एवियन इन्फ्लूएंजा (बई फ्लू) के बारे में
⦁ H5N1 वायरस, एवियन इन्फ्लूएंजा (बई फ्लू) का एक प्रकार है
⦁ यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा टाइप A वायरस के संक्रमण से होती है।
⦁ इन्फ्लुएंजा A वायरस को हेमाग्लगुटिनिन (HA) और न्यूरोमिनिडेस (NA) नामक प्रोटीन जो सतह पर उपस्थित होते है के आधार पर सब-टाइप्स में वर्गीकृत किया जाता है।
⦁ हेमाग्लगुटिनिन (HA) और न्यूरोमिनिडेस (NA) के अलग अलग सब टाइप होते हैं जिसमे हेमाग्लगुटिनिन वायरस के 18 और न्यूरोमिनिडेस के 11 सब-टाइप्स पाए जाते हैं।
⦁ इस वायरस के विभाजन के और भी आधार है जैसे की वायरस कितना घातक या गंभीरता है
⦁ घातक या गंभीरता के आधार पर इसे निम्न रोगजनकता (Low Pathogenicity) और उच्च रोगजनकता (High Pathogenicity) एवियन इन्फ्लूएंजा प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
इस वायरस के वाहक:– एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के मुख्य प्राकृतिक वाहक प्रवासी जंगली पक्षी होते है जिसमें विशेष कर जलपक्षी ।
एवियन इन्फ्लूएंजा से संबंधित चिंताएं
⦁ इन्फ्लूएंजा वायरस में पहले से काफी सब-टाइप्स मौजूद है परंतु आने वाले समय में इसके नए सब-टाइप्स देखे जा सकते है जो और अधिक गंभीर होंगे ।
⦁ ग्लोबल वार्मिंग के कारण पक्षियों के प्रवास में बदलाव आ रहा है जिससे बर्ड फ्लू के मामलों में अधिक गंभीर बढ़त हो सकती है ।
⦁ पक्षियों के संक्रमण से कुक्कुट संक्रमित होंगे जिससे कारण यह वाइरस इंसानों के अंदर प्रवेश कर सकता है।