प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना: भारत के युवाओं को उड़ान

UPSC GS में प्रासंगिकता

  • GS-II (शासन व सामाजिक न्याय): रोज़गार सृजन, सामाजिक सुरक्षा, मज़दूर सुधार।
  • GS-III (अर्थव्यवस्था): जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend), कार्यबल का औपचारिकरण, समावेशी विकास।
  • निबंध पत्र: रोज़गार एक राष्ट्र निर्माण का साधन; युवा और जनसांख्यिकीय लाभांश।

संदर्भ (Context)

पिछले दस सालों में भारत ने तेज़ आर्थिक बदलाव को देखा है। विदित है कि 2014 में यह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, और 2025 में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। GDP की बढ़त के साथ-साथ रोज़गार और सामाजिक सुरक्षा कवरेज में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जिससे भारत का मज़दूर बाज़ार मज़बूत हुआ है।

आज जब दुनिया ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सप्लाई चेन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, तब भारत अपनी सबसे बड़ी ताकत — युवा आबादी (65% लोग 35 साल से कम उम्र के हैं) — का उपयोग करके “संभावना से समृद्धि” की ओर बढ़ रहा है।

मुख्य भाग (Body)

1. रोज़गार और सामाजिक सुरक्षा में बदलाव

  • नौकरियाँ: 2004–14 के बीच केवल 2.9 करोड़ नई नौकरियाँ सृजित की गई, जबकि 2014–24 के बीच 17 करोड़ नौकरियाँ का सृजन हुआ (RBI-KLEMS के अनुसार)।
  • औपचारिककरण (Formalisation): EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) कवरेज में तेज़ बढ़ोतरी हुई।
  • सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत : 2015 में केवल 19% लोग कवर थे, जो 2025 में बढ़कर 64.3% हो गए (कुल 94 करोड़ लाभार्थी)।
  • वैश्विक मान्यता: ILO (International Labour Organization) ने भारत को दुनिया में सबसे तेज़ सामाजिक सुरक्षा विस्तार करने वाले देशों में बताया हैं।

2. चुनौती

  • Text Box: नया कर्मचारी (New Employee):
•	जो भी व्यक्ति 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच किसी संस्था में शामिल होगा, उसे नया कर्मचारी माना जाएगा।
पहली बार काम करने वाला (First-Timer):
•	वह व्यक्ति जो पहले EPFO या Exempted Trust का सदस्य नहीं रहा है, और योजना की अवधि के दौरान शामिल होकर पहली बार EPFO/Trust में योगदान देता है।
•	Part A के तहत प्रोत्साहन तभी लागू होगा जब कर्मचारी का UAN, UMANG ऐप पर Face Authentication के ज़रिए सत्यापित होगा।

रोज़गार केवल आर्थिक संकेतक (economic indicator) नहीं है, बल्कि यह गरिमा (dignity), समानता (equality) और सामाजिक स्थिरता की नींव है।

विकसित भारत @2047 का लक्ष्य पूरा करने के लिए भारत को क्या करना होगा:

  • युवाओं की रोज़गार क्षमता (employability) को बढ़ाना होगा।
  • उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था (formal economy) से जोड़ना होगा।
  • वित्तीय साक्षरता और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना होगा।

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना (PMVBRY)

  • घोषणा: केंद्रीय बजट 2024–25 में की गई।
  • शुभारंभ: प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस भाषण में।
  • फंड आवंटन: ₹1 लाख करोड़
  • लक्ष्य: 2 साल में 3.5 करोड़ नौकरियाँ

विशेषताएँ (Unique Features)

1. दोहरी प्रोत्साहन योजना (Dual Incentive Design)

  • भाग A (कर्मचारी): पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 (दो किस्तों में) दिया जाएगा।
  • भाग B (नियोक्ता): प्रत्येक नए कर्मचारी पर ₹3,000 प्रति माह तक, खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करने हेतु ।

2. औपचारिककरण पर ज़ोर (Formalisation Push)

  • DBT (Direct Benefit Transfer) से पारदर्शिता।
  • पहले दिन से ही सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़ाव

3. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस

  • आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा (global competitiveness) को मज़बूती।

4. व्यापक महत्व (Broader Significance)

  • योजनाओं पर आधारित हस्तक्षेप (scheme-based) से हटकर एक व्यापक रोज़गार तंत्र (comprehensive employment ecosystem) की ओर कदम।
  • यह योजना PLI (Production Linked Incentive), मेक इन इंडिया, और राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन जैसी पहलों पर आधारित है।
  • नौकरी सृजन को केवल सरकार नहीं बल्कि मज़दूर और उद्यम (workers & enterprises) दोनों की साझा ज़िम्मेदारी माना गया है।
  • इसमें MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) और पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को भी शामिल किया गया है।

निष्कर्ष (Conclusion)

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना सिर्फ़ एक रोज़गार योजना नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र-निर्माण का प्रोजेक्ट है। इस योजना के ज़रिए भारत अपने युवाओं को औपचारिक, सुरक्षित और उत्पादक अर्थव्यवस्था से जोड़ रहा है और अपने जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) को जनकल्याण और समृद्धि में बदल रहा है।

साथ ही विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी होगा कि:

  • काम में गरिमा (dignity of work) बनी रहे।
  • मज़दूरों की सुरक्षा (security of workers) सुनिश्चित हो।
  • युवाओं का सशक्तिकरण (empowerment of youth) लगातार बढ़े।

यही समावेशी विकास (inclusive growth) की बुनियाद होगी।

Prelims Practice Question

Q. प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना (PMVBRY) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह योजना कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रत्यक्ष वित्तीय प्रोत्साहन (direct financial incentives) देती है।
  2. इस योजना के लाभ Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से पहुँचाए जाते हैं।
  3. यह योजना केवल कृषि क्षेत्र (agricultural sector) में रोज़गार सृजन पर केंद्रित है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2 और 3

उत्तर: A (केवल 1 और 2 सही हैं)

Mains Practice Question

Q. “रोज़गार केवल एक आर्थिक संकेतक नहीं है, बल्कि गरिमा, समानता और राष्ट्रीय शक्ति की नींव है।” इस कथन की भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) के संदर्भ में चर्चा कीजिए और आलोचनात्मक रूप से विश्लेषण कीजिए कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना (PMVBRY) इस चुनौती को कैसे संबोधित करती है।
(15
अंक, 250 शब्द)

स्रोत : द हिन्दू

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