चर्चा में क्यों :– हाल ही में आयोजित होने वाले ‘आसियान फ्यूचर फोरम’ में भारत के विदेश मंत्री ने भाग लिया।
आसियान फ्यूचर फोरम :– आसियान फ्यूचर फोरम, आसियान तथा इसके सदस्य देशों के बीच विचारों तथा नीतियों को साझा करने के लिए एक संयुक्त मंच प्रदान करता है आसियान फ्यूचर फोरम को वर्ष 2023 में 43वें आसियान शिखर सम्मेलन के द्वारान वियतनाम द्वारा प्रस्तावित एक प्रस्ताव के माध्यम से अपनाया गया था।
इसका आयोजन हनोई, वियतनाम में संपन्न हुआ।
आसियान फ्यूचर फोरम का उद्देश्य :–
आसियान के सदस्य देशों के मध्य तथा साथ ही भागीदार देशों के मंच बनाना जिससे विकास पथ को बढ़ावा देने और आकार देने में योगदान प्रदान किया जा सके।
प्रथम आसियान फ्यूचर फोरम की थीम:–
जन-केंद्रित आसियान समुदाय के तीव्र और सतत विकास की ओर ।
आसियान (ASEAN) :–
पूरा नाम :– दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संगठन ( Association of Southeast Asian Nations ) ।
स्थापना 1967 में बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर के माध्यम से
यह एक ऐसा संघटन है जिसमे दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र सामिल है।
इसका आदर्श वाक्य ‘वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी’ ।
आसियान एक क्षेत्रीय संगठन है
स्थापना का मुख्य उद्देश्य :–
1.एशिया-प्रशांत के उपनिवेशी राष्ट्रों के बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये ।
- अंतर-सरकारी सहयोग को बढ़ावा देता है
- अपने सदस्यों और एशिया के अन्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सैन्य, शैक्षिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण की सुविधा प्रदान करता है
आसियान दिवस प्रतिवर्ष 8 अगस्त को मनाया जाता है।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान का सचिवालय है।
आसियान के संस्थापक सदस्य :– इसकी स्थापना के समय इसमें पांच सदस्य थे फिलीपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड।
वर्तमान में इसमें 10 सदस्य देश शामिल हैं :–
इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, फिलीपींस, कंबोडिया और वियतनाम, ब्रुनेई, लाओस और म्यांमार ।