UPSC हेतु प्रासंगिकता:
GS Paper 2 (अंतर्राष्ट्रीय संबंध) हथियार नियंत्रण संधियाँ और भारत की रणनीति, शीत युद्ध और परमाणु शक्ति संतुलन
GS Paper 3 (रक्षा, प्रौद्योगिकी, आंतरिक सुरक्षा)- मिसाइल प्रौद्योगिकी, शस्त्रागार आधुनिकीकरणभारत की रक्षा नीति और सुरक्षा चुनौतियाँ
Prelims – INF संधि, NPT, START जैसी संधियाँ, मिसाइल रेंज, तकनीकी प्रगति
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में 4 अगस्त 2025 को रूस ने औपचारिक रूप से घोषणा की कि वह अब 1987 की इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज़ (INF) संधि के तहत अपनी प्रतिबद्धता समाप्त कर रहा है।
बाहर होने के पीछे के कारण
रूस का कहना है कि पश्चिमी देशों की सैन्य गतिविधियाँ—विशेषकर अमेरिका द्वारा परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती और फिलीपींस में टाइफून मिसाइल प्रणाली की मौजूदगी—अब उसे INF संधि के प्रतिबंधों से मुक्त कर देती हैं। रूस का मानना है की पश्चिमी देशों की कार्रवाइयाँ (जैसे यूरोप और एशिया‑प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी मध्यम‑श्रेणी वाले हथियारों की तैनाती) उनके लिए एक “प्रत्यक्ष खतरा” बन चुकी हैं।
इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज़ संधि के बारे में
यह संधि 1987 में अमेरिका और सोवियत संघ रूस के बीच हुई थी।
हस्ताक्षरकर्ता नेता:
- अमेरिका: राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन
- सोवियत संघ: महासचिव मिखाइल गोर्बाचेव
संधि का उद्देश्य
- 500 से 5,500 किलोमीटर की रेंज वाली सभी भूमि-आधारित बैलिस्टिक मिसाइलों और क्रूज़ मिसाइलों को नष्ट करना।
- इन मिसाइलों के उत्पादन, परीक्षण और तैनाती पर रोक लगाना। इसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार की मिसाइलें शामिल थीं।
- यह परमाणु शस्त्रागार को कम करने, हथियारों की एक पूरी श्रेणी को हटाने तथा सत्यापन के लिए साइट पर निरीक्षण की अनुमति देने वाला पहला बड़ा समझौता था।
महत्त्व
- यह पहली ऐसी संधि थी जिसने एक पूरी श्रेणी के हथियारों को खत्म किया।
- इसने शीत युद्ध के तनाव को कम किया।
- अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने 2,600 से अधिक मिसाइलों को नष्ट किया।
- इसने भविष्य की संधियों (जैसे START) के लिए रास्ता बनाया।
संधि का विघटन कैसे शुरू हुआ?
- अमेरिका ने 2019 में संधि से हटने की घोषणा की, यह कहते हुए कि रूस इस संधि का उल्लंघन कर रहा है।
- रूस ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि अमेरिका खुद इसका पालन नहीं कर रहा।
- तब रूस ने स्वैच्छिक प्रतिबद्धता (moratorium) बनाए रखा था।
- अंततः, 4 अगस्त 2025 को रूस ने भी संधि को पूरी तरह से समाप्त कर दिया।
वैश्विक परमाणु सुरक्षा पर प्रभाव
1. शस्त्र नियंत्रण ढांचे का पतन
INF के बाद अब केवल कुछ संधियाँ (जैसे New START) ही बची हैं। इन ढांचों का टूटना वैश्विक सुरक्षा और विश्वास को कमजोर करता है।
2. परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण
महाशक्तियाँ अब परमाणु हथियारों की नई पीढ़ी पर काम कर रही हैं। इसके विपरीत, छोटे देश अपनी अपरसार प्रतिबद्धताओं पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
3. नई शीत युद्ध की आशंका
INF संधि के खत्म होने से यूरोप और एशिया में 1980 के दशक जैसे मिसाइल संकट के दोहराव की आशंका बढ़ गई है।
भारत के लिए क्या महत्त्व है?
क्षेत्र | विवरण |
रणनीतिक नीति | भारत के लिए वैश्विक परमाणु संतुलन पर नजर रखना ज़रूरी है, खासकर दक्षिण एशिया में संतुलन बनाए रखने हेतु। |
मिसाइल विकास | भारत का स्वयं का मिसाइल कार्यक्रम (जैसे अग्नि सीरीज़) अभी भी सीमित लेकिन उन्नत चरण में है। वैश्विक बदलाव नीति निर्माण को प्रभावित कर सकते हैं। |
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति | भारत परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का सदस्य नहीं है, लेकिन वह “परमाणु हथियारों के ज़िम्मेदार उपयोगकर्ता” की छवि बनाए रखना चाहता है। ऐसे में इस घटना पर उसकी प्रतिक्रिया रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होगी। |
निष्कर्ष
INF संधि एक ऐतिहासिक कदम था जिसने हथियारों की दौड़ को सीमित किया और वैश्विक शांति के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया। लेकिन अमेरिका और रूस के बीच विश्वास की कमी, नई तकनीकों का विकास, और भू-राजनीतिक तनाव के चलते यह संधि अब अतीत का हिस्सा बन चुकी है।
प्रमुख परमाणु हथियार नियंत्रण संधियां
1. परमाणु हथियार अप्रसार संधि (NPT) – 1970
- उद्देश्य: परमाणु हथियारों का प्रसार रोकना और शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना।
- विशेष बात: केवल 5 देशों को परमाणु शक्ति मान्यता; भारत शामिल नहीं।
- क्यों ज़रूरी?: यह वैश्विक परमाणु नियंत्रण की सबसे पुरानी और व्यापक संधि है।
2. स्ट्रेटेजिक ऑफेंसिव रिडक्शन्स संधि (SORT) – 2002
- अमेरिका‑रूस के बीच समझौता, जिसे मॉस्को संधि भी कहते हैं।
- लक्ष्य: परमाणु वॉरहेड्स की संख्या को 1700–2200 तक सीमित करना।
- समाप्त: इसे 2011 में New START ने रिप्लेस किया।
3. नई सामरिक हथियार न्यूनीकरण संधि (New START) -2010
- अमेरिका‑रूस के बीच नया समझौता जो वॉरहेड्स, मिसाइल और लॉन्चरों की संख्या घटाता है।
- सीमा:
- 1,550 वॉरहेड्स
- 700 तैनात लॉन्चर
- सत्यापन: निरीक्षण और निगरानी व्यवस्था है।
- 2026 तक बढ़ाया गया, लेकिन रूस ने 2023 में अस्थायी रूप से निलंबित किया।
4. परमाणु हथियार निषेध संधि (TPNW) – 2017
- UN द्वारा प्रस्तावित परमाणु हथियारों पर पूर्ण प्रतिबंध संधि।
- क्या करती है?:
- निर्माण, प्रयोग, धमकी, तैनाती—सब पर प्रतिबंध।
- 2021 में लागू, लेकिन भारत, अमेरिका, रूस जैसे देश शामिल नहीं हैं।
- UPSC PRACTICE MCQ
INF संधि (1987) का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
A) परमाणु हथियारों का समुचित वितरण
B) 500-5,500 किमी रेंज की भूमि-आधारित मिसाइलों का नष्ट करना
C) शीत युद्ध के प्रभाव को बढ़ाना
D) वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण
UPSC Mains
“INF संधि का टूटना वैश्विक परमाणु संतुलन के लिए खतरे का संकेत है। इस घटना का भारत की रक्षा नीति और कूटनीति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?”
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