चर्चा में क्यों ?
जुलाई 2025 में यूरोपीय संघ (EU) ने गुजरात की वडीनार रिफाइनरी (नयारा एनर्जी) पर अपने 18वें प्रतिबंध पैकेज के तहत रोक लगाई। यह रोक शिपिंग (जहाज़ परिवहन), बीमा, वित्तीय सेवाएँ और “शैडो-फ्लीट” (गुप्त जहाज़ों के नेटवर्क) के इस्तेमाल पर लगाई गई। इसका कारण है कि इस रिफाइनरी से रूस की बड़ी तेल कंपनी रॉसनेफ्ट जुड़ी हुई है।

स्थान (Location):
यह रिफाइनरी गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका ज़िले के वडीनार इलाके में स्थित है।
संचालन (Operator):
इसे नयारा एनर्जी चलाती है, जिसे पहले एस्सार ऑयल के नाम से जाना जाता था।
मुख्य हिस्सेदार (Stakeholder):
रूस की तेल कंपनी रॉसनेफ्ट का इसमें लगभग 49% हिस्सा है।
महत्त्व (Rank):
यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी एकल-स्थान रिफाइनरी है।
ईंधन मानक (Fuel Standards):
यह रिफाइनरी Euro IV और Euro V मानकों के अनुरूप स्वच्छ ईंधन बनाती है। ये मानक यूरोप में प्रदूषण कम करने के लिए तय किए गए हैं।
लॉजिस्टिक्स और परिवहन व्यवस्था (Logistics):
यहाँ से ईंधन और अन्य उत्पादों की ढुलाई के लिए आधुनिक सुविधाएँ हैं—
- SPM (सिंगल प्वाइंट मूरिंग): समुद्र में बड़े जहाज़ों से सीधे तेल उतारने/चढ़ाने की सुविधा।
- जेट्टीज़: जहाज़ रुकने के लिए छोटे बंदरगाह।
- पाइपलाइनें, भंडारण टैंक (Tankage), रेल और सड़क मार्ग: जिससे देश और विदेश में ईंधन भेजा जाता है।
प्रिलिम्स फैक्ट्स प्रश्न: भारत में कौन सी रिफाइनरी सबसे पहले यूरोपीय संघ के रूस-विरोधी प्रतिबंधों से प्रभावित हुई थी?→ वाडिनार रिफाइनरी (नयारा एनर्जी, गुजरात)। प्रश्न: नयारा एनर्जी में रोसनेफ्ट की हिस्सेदारी कितनी है?→ लगभग 49%। |
Source: the hindu