UPSC हेतु प्रासंगिकता GS Paper 3 – पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण, जैव विविधता, कार्बन पृथक्करण प्रीलिम्स – सरकारी योजनाएं और पहल (एक पेड़ माँ के नाम, मातृ वन, अरावली ग्रीन वॉल) |
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल के साथ मिलकर भारत सरकार के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुग्राम में ‘मातृ वन’ पहल के औपचारिक शुभारंभ की अध्यक्षता की।
‘मातृ वन’ पहल के बारे में
- मातृ वन’ पहल – एक थीम आधारित शहरी वन आवरण है जो प्रकृति से प्रेरित हरित प्रयासों के माध्यम से पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए समर्पित है।
- इसे गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के किनारे अरावली पर्वतीय क्षेत्र में 750 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
- यह पहल वन महोत्सव 2025 के अंतर्गत और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत शुरू की गई।

लक्ष्य:
- NCR में जैव विविधता, कार्बन पृथक्करण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, और शहरी स्थिरता को बढ़ावा देना
- दिल्ली-NCR के लिए “हृदय और फेफड़े” के रूप में कार्य करना
मुख्य विशेषताएँ:
- आक्रामक प्रजाति प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा (काबुली कीकर) को हटाकर देशी प्रजातियों का वृक्षारोपण
- विषयगत उपवन:
- बोधि वाटिका (बरगद, पीपल, गुल्लर)
- बम्बूसेटम (बाँस समूह)
- औषधीय, नक्षत्र, राशि, सुगंध वाटिकाएं, कैक्टस गार्डन, तितली उद्यान
- अन्य सुविधाएं:
- प्रकृति पथ, साइकिल ट्रैक, योग क्षेत्र
- जलाशय, मिस्टिंग सिस्टम, पार्किंग, उपचारित जल सिंचाई
- सहयोगी: CSR कंपनियाँ, NGOs, स्कूल, RWA, सरकारी संस्थान
महत्त्व:
- अरावली पारिस्थितिकी की पुनर्स्थापना
- वायु गुणवत्ता में सुधार, शहरी ताप द्वीप को कम करना
- सामुदायिक सहभागिता व पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा
- दिल्ली-NCR के “हृदय और फेफड़े” के रूप में कार्य
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान
शुभारंभ:
- 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस पर
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के बोध जयंती पार्क से पीपल का पौधा लगाकर शुरुआत की
प्रमुख उद्देश्य:
- अपनी माँ के सम्मान में एक पेड़ लगाकर उसे एक जीवंत श्रद्धांजलि देना
- पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों की भागीदारी को भावनात्मक रूप से प्रेरित करना
प्रमुख उपलब्धियाँ और विस्तार
- 80 करोड़ पौधे 25 सितंबर 2024 तक रोपित; लक्ष्य अवधि से 5 दिन पहले पूरे हुए
- राजस्थान, जैसलमेर में 128 इन्फैंट्री बटालियन (Ecological Task Force) ने एक घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे रोप कर वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया
‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ (2025)
- दूसरा चरण: विश्व पर्यावरण दिवस — 5 जून 2025 को
- लक्ष्य: 10 करोड़ पौधे उगाना 5 जून से 30 सितंबर 2025 तक
- अब तक 5.5 करोड़ से अधिक पौधे रोपे गए, जिसमें विद्यार्थियों और आम जनता की बड़ी भागीदारी रही
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना यह हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्यों को शामिल करते हुए अरावली पर्वत शृंखला के चारों ओर 1,400 किमी लंबी और 5 किमी. चौड़ी ग्रीन बेल्ट बफर बनाने की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है। प्रेरणा स्रोत: अफ्रीका की ग्रेट ग्रीन वॉल परियोजना (2007) शुरुआत: हरियाणा से भारत सरकार द्वारा मरुस्थलीकरण और पारिस्थितिक असंतुलन से निपटने हेतु लक्ष्य: 1,400 किमी लंबी और 5 किमी चौड़ी हरित पट्टी विकसित करना हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली को जोड़ना मरुस्थलीकरण रोकना, स्थानीय वनस्पतियों का पुनरुद्धार जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और कृषि भूमि संरक्षण |
Practice UPSC MCQ
1. ‘मातृ वन’ पहल का उद्देश्य क्या है?
A) शहरी वनीकरण और कार्बन पृथक्करण
B) ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन
C) जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन
D) कोयला आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना
2. अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का प्रमुख लक्ष्य क्या है?
A) पहाड़ी पर्यटन को बढ़ावा देना
B) हरियाणा में स्मार्ट सिटी बनाना
C) मरुस्थलीकरण से निपटना
D) औद्योगिक विकास
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