चर्चा में क्यों ?
“ध्रुव नीति” (DHRUVA) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देश में डिजिटल पता प्रबंधन प्रणाली को मानकीकरण, इंटरऑपरेबिलिटी और नागरिकों की सहमति पर आधारित बनाना है। यह नीति भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई है और इसे “डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस” (Digital Hub for Reference and Unique Virtual Address) के रूप में जाना जाता है।

ध्रुव नीति का उद्देश्य और विशेषताएँ
- मानकीकरण और इंटरऑपरेबिलिटी: यह नीति एक मानकीकृत, इंटरऑपरेबल और जियोकोडेड डिजिटल पता प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य रखती है, जो सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में सुगम सेवा वितरण को सक्षम बनाए।
- पता-के-रूप में सेवा (Address-as-a-Service – AaaS): इसका उद्देश्य पता डेटा प्रबंधन के लिए एक सेवा-आधारित मॉडल स्थापित करना है, जो उपयोगकर्ताओं को उनके पता डेटा पर नियंत्रण प्रदान करता है।
- नागरिकों का नियंत्रण और सहमति: नागरिकों को उनके पता डेटा पर वास्तविक नियंत्रण प्रदान करना, जिससे वे अपनी जानकारी को सुरक्षित रूप से साझा कर सकें।
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में सहयोग: सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, ताकि पता डेटा साझा करने और प्रबंधन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जा सके।
ध्रुव नीति के प्रमुख घटक
- DIGIPIN (डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर): यह एक 10 अंकों की यूनिक पहचान संख्या है, जो प्रत्येक पते को जियोकोर्डिनेट्स के आधार पर प्रदान की जाती है। यह प्रणाली सेवा वितरण, आपातकालीन प्रतिक्रिया और लॉजिस्टिक्स में सुधार करती है।
- पता सूचना एजेंट (AIA): ये एजेंट पता डेटा के संग्रहण, सत्यापन और साझा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो एक विश्वसनीय और सुरक्षित प्रणाली सुनिश्चित करते हैं।
- पता सूचना उपयोगकर्ता (AIU): ये उपयोगकर्ता वे संस्थाएँ हैं जो पता डेटा का उपयोग करती हैं, जैसे कि सरकारी विभाग, ई-कॉमर्स कंपनियाँ और वित्तीय संस्थाएँ।
- पता सूचना प्रदाता (AIP): ये वे स्रोत हैं जो पता डेटा प्रदान करते हैं, जैसे कि नागरिक स्वयं, स्थानीय प्राधिकरण या अन्य विश्वसनीय संस्थाएँ।
ध्रुव नीति का प्रभाव
- शासन में सुधार: यह नीति सरकार को योजनाओं के लक्षित वितरण, आपातकालीन सेवाओं की त्वरित प्रतिक्रिया और सार्वजनिक उपयोगिताओं की दक्षता में सुधार करने में सक्षम बनाती है।
- नागरिक सशक्तिकरण: नागरिकों को उनके पता डेटा पर नियंत्रण प्रदान करना, जिससे वे अपनी जानकारी को सुरक्षित रूप से साझा कर सकें और विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकें।
- निजी क्षेत्र में सुधार: ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में सटीक पता डेटा के उपयोग से दक्षता में वृद्धि होती है।
- नवाचार को बढ़ावा: यह नीति सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देती है, जिससे पता डेटा साझा करने और प्रबंधन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित होता है।
निष्कर्ष :
ध्रुव नीति भारत में पता प्रबंधन प्रणाली को डिजिटल और सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देते हुए भारत को डिजिटल रूप से मजबूत बनाएगा, जिससे विशेष रूप से दूरस्थ और कम सेवा वाले क्षेत्रों में सेवा वितरण में सुधार होगा।
Practice UPSC MCQ
Q. ‘ध्रुव नीति’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(a) भारत में डिजिटल पता प्रबंधन प्रणाली का मानकीकरण, इंटरऑपरेबिलिटी और नागरिकों की सहमति पर आधारित बनाना
(b) भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए एक नया फ्रेमवर्क तैयार करना
(c) सरकारी योजनाओं के लिए एक नया डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू करना
(d) नागरिकों को डिजिटल पहचान संख्या प्रदान करना
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो Share करें, Comment करें और इस पहल पर अपने विचार हमारे साथ साझा करें।