पाकिस्तान  और जी 20 समूह तथा भारतीय हित

चर्चा में क्यों :– पाकिस्तान ने घोषणा की है की वह जल्दी ही जी 20 समूह में सामिल होगा

जी20 जिसको  ‘‘20 देशों का समूह’’ भी कहा जाता है 

पाकिस्तान :–  भारत के उत्तर पश्चिम में अवस्थित देश।

पड़ोसी देश :– भारत, चीन, अफगानिस्तान और ईरान 

पाकिस्तान की समस्याएं :–

1. आतंकवाद

2. गिरती अर्थव्यवस्था

3. विदेशी कर्ज

4. अस्थिर राजनीतिक स्थिति

हाल ही में पाकिस्तान द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई है की वह अर्थव्यस्थाओ के सबसे बड़े समूह जी20 में आधिकारिक रूप से सामिल होने वाला है।

जी20

एक अन्तःसरकारी मंच है  

जो  विश्व अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित प्रमुख मुद्दों, जैसे अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थैर्य, जलवायु परिवर्तन, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य  और संधारणीय विकास से संबंधित  मुद्दों पर  कार्य करता है।

19 सम्प्रभु राज्य, अफ्रीकीय  एवम  यूरोपीय संघ शामिल हैं।

जी 20 का इतिहास :– 

स्थापना 1997-1998 में

कारण :–  एशियाई वित्तीय संकट के कारण ।

इस संकट से  प्रभावित होती  वैश्विक आर्थिक अर्थव्यवस्थाओं को  उपजी  चुनौतियों से निपटने के विकल्प प्रदान करने के उद्देश्य से  प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के आपसी समझौते के रूप में  यह संगठन अस्तित्व में आया।

आरंभ में  इस संघटन में  वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक हुआ करती थी, परंतु  वर्ष  2008 में पहली बार सदस्य देशों के शीर्ष  नेताओं ने शिखर सम्मेलन में रूप मिलना प्रारंभ  किया । 2008 से ही यह समूह  अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एजेंडे के रूप में  और वैश्विक आर्थिक नीतियों के संबंध  में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

वर्तमान सदस्य :– 

G20 में वर्तमान में 19 सदस्य देश और दो संगठन शामिल है

देश :– कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका,कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस और सऊदी अरब शामिल ।

संगठन :– यूरोपीय संघ और अफ्रीकन यूनियन 

G20 समूह है प्रत्येक वर्ष अपनी मीटिंग में कुछ अन्य समूहों को अतिथि के रूप में भी आमंत्रित करता है जिनमे प्रमुख है :–

संयुक्त राष्ट्र,अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF), विश्व बैंक, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organization for Economic Co-operation and Development – OECD), आसियान (ASEAN) आदि ।

इस संगठन का महत्व :– 

1.अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 75%

2.विश्व सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%

3. वैश्विक जनसंख्या का 2/3 हिस्सा सामिल है।

जी 20 निर्णय :–  कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं ।

सदस्य देश स्वतंत्र है की   उन्हें  इन निर्णयों को लागू करना  है या नहीं।

हाल ही में अध्यक्षता :–

इंडोनेशिया – 2022

भारत – 2023

ब्राजील – 2024

भारत और जी–20

वर्ष 2023 में जी20 की अध्यक्षता भारत द्वारा की गई थी | 

भारत में आयोजित होने वाला यह G20 का यह शिखर सम्मेलन  18वां शिखर सम्मेलन था

जिसका आयोजन  नई दिल्ली संपन्न हुआ

विषय, “वसुधैव कुटुंबकम (Vasudhaiva Kutumbakam)” 

थीम :– एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य (One Earth, One Family, One Future)” 

भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में सामिल बिंदू:– संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य, जलवायु परिर्वतन और हरित विकास पहल, बहुपक्षीय वित्तपोषण पर ध्यान केंद्रित करना, आतंकवाद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई),डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, और अंतर्राष्ट्रीय कराधान ।

जी20 – 2023 विशेष :– 

1. यूक्रेन संकट पर अपनाए गए रुख पर :– रूस और चीन दोनों ने  सहमति प्रकट की  :–  भारत के लिए यह एक बड़ी  जीत । 

2.अफ़्रीकी संघ की स्वीकृति :–

अफ्रीकी संघ को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में सामिल  करने पर निर्णय  भारत में हुई समिट के द्वारा ही लिया गया  ।

(जी20 को अब  जी21 नाम से जाना जाएगा ) 

पाकिस्तान के जी20 में सामिल होने से भारत के लिए चिंता के बिंदु :–

:भारत आतंकवाद जैसे मुद्दों को अलग अलग मंच से लगातार उठाता रहा है अगर पाकिस्तान को जी20 में सामिल किया जाता है तो चीन और पाकिस्तान ऐसे मुद्दों को उठाने पर रुकावट पैदा कर सकते है।

:भारत जब पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अकेला करना चाहता है उस नीति को एक व्राम मिलेगा।

लाभ :– जी20 में एशियाई देशों का। प्रभाव बढ़ेगा

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