रेपो रेट में लगातार सातवीं बार बदलाव नहीं: 5 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि RBI ने लगातार सातवीं बार ब्जाय दरों में बदलाव नहीं किया है।
रेपो दर:
वह दर जिस पर केंद्रीय बैंक ( रिज़र्व बैंक) वाणिज्यिक बैंकों को किसी भी तरह की धनराशि की कमी होने पर धन देता है।
इसके लिए केंद्रीय बैंक प्रतिभूतियां खरीदता है।
अन्य शब्दों में :– रेपो रेट (Repo Rate ) यह वह ब्याज की दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक , भारतीय रिजर्व बैंक से जरूरत पड़ने पर राशि उधार लेते हैं
रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate ) :–
जब भारतीय रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों से किसी भी प्रकार की धनराशि उधार लेता है । तो रिवर्स रेपो रेट की दर से ही भारतीय रिजर्व बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को ब्याज का भुगतान करता है ।
RBI ने द्वारा अंतिम बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25% की दर से बढ़ाकर 6.5% की गई थीं।
रेपो रेट न बढ़ने के प्रभाव :–
*लोन वर्तमान की समान दर पर मिलते रहेंगे अर्थात लोन महंगे नहीं होंगे जिससे EMI भी नहीं बढ़ेगी।
*RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 की अवधि में महंगाई दर 4.5% और रियल GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान लगाया है।