यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance):सामान्य अध्ययन पेपर II – राजव्यवस्था और शासन: स्थानीय स्वशासन, पंचायती राज, अनुच्छेद 243A, भागीदारी लोकतंत्र।सामान्य अध्ययन पेपर IV – नैतिकता: नागरिक जिम्मेदारी, नेतृत्व और सहभागी मूल्य।
खबरों में क्यों (Why in News)
हाल ही में, कई राज्यों ने स्थानीय शासन में युवाओं की भागीदारी को गहरा करने के लिए मॉडल युवा ग्राम सभाओं की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक विचार-विमर्श में शामिल करना है—ताकि पंचायती राज ढाँचे के अंतर्गत भागीदारी लोकतंत्र की संवैधानिक भावना को पुनर्जीवित किया जा सके।

पृष्ठभूमि (Background)
भारत की लोकतांत्रिक संरचना में ग्राम सभा का महत्व लोकसभा या विधानसभा जितना ही मौलिक है। 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत अनुच्छेद 243A में ग्राम सभा का प्रावधान किया गया, जो पंचायती राज प्रणाली की आधारशिला है।
गाँव का प्रत्येक पंजीकृत मतदाता ग्राम सभा का सदस्य होता है, जहाँ बजट, विकास योजनाओं और शासन की प्राथमिकताओं पर चर्चा की जाती है। यह संस्था भागीदारी लोकतंत्र को मूर्त रूप देती है, जिससे ग्रामीण नागरिक अपने समुदाय से जुड़े निर्णयों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं — पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं।
हालाँकि, इसकी अपार संभावनाओं के बावजूद, ग्राम सभाओं में भागीदारी सीमित है, विशेषकर युवाओं के बीच।
मॉडल युवा ग्राम सभा (Model Youth Gram Sabha – MYGS) क्या है?
प्रारंभ: 30 अक्टूबर, 2025
कार्यान्वयनकर्ता: पंचायती राज मंत्रालय
सहयोगी संस्थाएँ: स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय
लक्ष्य समूह: जवाहर नवोदय विद्यालय (JNVs) और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRSs) के छात्र
सरल शब्दों में, मॉडल युवा ग्राम सभा एक शैक्षणिक अभ्यास है, जिसमें स्कूलों में ग्राम सभा की कार्यप्रणाली का अनुकरण किया जाता है। इसमें छात्र सीखते हैं कि स्थानीय सरकारें कैसे काम करती हैं, सामुदायिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और सामूहिक निर्णय लेने का अभ्यास करते हैं।
मुख्य उद्देश्य (Main Objectives of MYGS)
- छात्रों को पंचायती राज प्रणाली की संरचना और कार्यप्रणाली से परिचित कराना।
- ग्राम सभाओं एवं स्थानीय निर्णय लेने की प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- युवाओं में नेतृत्व क्षमता एवं सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करना।
- वास्तविक शासन और समस्या-समाधान की चुनौतियों से छात्रों को अवगत कराना।
यह पहल केवल सिद्धांत पर आधारित नहीं है—बल्कि “करके सीखने वाले लोकतंत्र” (Learning by Doing Democracy) का व्यावहारिक उदाहरण है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 से संबंध
MYGS, NEP 2020 की उस दृष्टि के अनुरूप है जिसमें शिक्षा को चाहिए कि वह—
- मौलिक कर्तव्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान विकसित करे,
- राष्ट्रीय गौरव और अपनत्व की भावना को मजबूत बनाए,
- जिम्मेदार, संवेदनशील और दयालु नागरिक तैयार करे, और
- सतत एवं समावेशी विकास के लिए आवश्यक ज्ञान, मूल्य और कौशल प्रदान करे।
इस प्रकार MYGS के माध्यम से स्कूल केवल शासन सिखाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐसे नागरिक तैयार कर रहे हैं जो भारत के लोकतांत्रिक आदर्शों को समझते और अपनाते हैं।
स्कूल पाठ्यक्रम के साथ जुड़ाव (Alignment with School Curriculum)
यह पहल छात्रों की NCERT पाठ्यपुस्तकों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी है:
| कक्षा | पाठ्यक्रम में विषय | MYGS से प्रासंगिकता |
| कक्षा 6 | अध्याय 5: पंचायती राज – ग्राम सभा का परिचय, संरचना और कार्य | MYGS इन विषयों का व्यावहारिक अनुभव देता है, जहाँ छात्र भूमिका-निर्वाह और चर्चा के माध्यम से सीखते हैं। |
| कक्षा 11 | 73वाँ संवैधानिक संशोधन – पंचायती राज संस्थाओं का गहन अध्ययन | MYGS छात्रों को इन संवैधानिक प्रावधानों को वास्तविक परिप्रेक्ष्य में समझने का अवसर देता है। |
इस प्रकार छात्र पुस्तक के ज्ञान से आगे बढ़कर वास्तविक जीवन के लोकतांत्रिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
दृष्टिकोण (Vision of MYGS)
मॉडल युवा ग्राम सभा का उद्देश्य युवाओं और जमीनी शासन के बीच की दूरी को कम करना है। यह उसी तरह का नागरिक प्रशिक्षण मंच है जैसे “युवा संसद” या “मॉडल संयुक्त राष्ट्र”।
यह वास्तविक ग्राम सभा की एक प्रतिकृति के रूप में कार्य करती है, जहाँ 15–29 वर्ष के युवा स्थानीय विकास संबंधी मुद्दों पर चर्चा करते हैं, निर्णय लेने की प्रक्रिया का अभ्यास करते हैं और पंचायत को व्यवहारिक सुझाव प्रस्तुत करते हैं।
दृष्टिकोण के तीन प्रमुख पहलू हैं:
- लोकतांत्रिक समाजीकरण: युवाओं में लोकतांत्रिक आदतें और सहभागी सोच विकसित करना।
- नेतृत्व विकास: भविष्य के पंचायत नेताओं और जिम्मेदार नागरिकों को तैयार करना।
- समावेशी विकास: युवाओं की राय को स्थानीय योजना में शामिल कर अंतर-पीढ़ीगत विकास सुनिश्चित करना।
ओडिशा, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ऐसी युवा ग्राम सभाएँ “राष्ट्रीय युवा दिवस” या “संविधान दिवस” पर आयोजित की जा चुकी हैं।
कार्यान्वयन प्रक्रिया (Implementation Process)
- प्रतिभागियों की पहचान: NYKS और NSS के माध्यम से युवाओं, छात्रों और स्थानीय क्लब सदस्यों को शामिल किया जाता है।
- एजेंडा तय करना: स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, लैंगिक समानता और रोजगार जैसे मुद्दों का चयन किया जाता है।
- विचार-विमर्श सत्र: एक मॉडल बैठक आयोजित की जाती है जिसमें छात्र पंचायत सदस्यों और नागरिकों की भूमिका निभाकर बहस करते हैं और संकल्प पारित करते हैं।
- वास्तविक ग्राम सभा से समन्वय: पारित संकल्पों को वास्तविक ग्राम सभा में विचार हेतु प्रस्तुत किया जाता है।
इस तरह यह पहल युवा शिक्षा को वास्तविक नीति-निर्माण से जोड़ती है, जिससे एक सजग, सक्षम और सहभागी नागरिकों की पीढ़ी तैयार होती है।
चुनौतियाँ (Challenges)
- जागरूकता की कमी: अधिकांश ग्रामीण युवा ग्राम सभा की भूमिका से अनभिज्ञ हैं, जिससे उनकी भागीदारी सीमित रहती है।
- औपचारिकता तक सीमित आयोजन: कई स्थानों पर ऐसी सभाएँ केवल प्रतीकात्मक रूप से आयोजित होती हैं।
- संस्थागत ढाँचे का अभाव: इस पहल के लिए कोई एकीकृत राष्ट्रीय दिशा-निर्देश या वित्तीय व्यवस्था नहीं है।
- पंचायती राज संस्थाओं से कमजोर जुड़ाव: युवाओं के प्रस्ताव अक्सर पंचायत की योजनाओं में सम्मिलित नहीं होते।
- सामाजिक व लैंगिक बाधाएँ: महिलाओं और वंचित वर्ग के युवाओं की भागीदारी सीमित रहती है।
- प्रशिक्षण की कमी: युवाओं में नेतृत्व और नीति-निर्माण की समझ का अभाव है।
महत्व (Significance)
- लोकतांत्रिक गहराई: ग्राम स्तर पर संवाद और जवाबदेही की संस्कृति को सशक्त करता है।
- युवा सशक्तिकरण: युवाओं को शासन की प्रक्रिया में भागीदार बनाता है।
- शासन अंतराल को पाटना: युवाओं की दृष्टि से जमीनी समस्याएँ सामने लाकर नीति निर्माताओं तक पहुँचाता है।
- सतत विकास: स्थानीय योजनाओं में नवाचार और तकनीक को जोड़ता है तथा SDG 16 से संरेखित करता है।
आगे की राह (Way Forward)
- प्रत्येक पंचायत में प्रतिवर्ष कम से कम एक युवा ग्राम सभा का आयोजन अनिवार्य किया जाए।
- नेतृत्व प्रशिक्षण के लिए NIRDPR और NYKS जैसी संस्थाओं से साझेदारी की जाए।
- युवा सिफारिशों को पंचायत विकास योजनाओं (GPDPs) में शामिल किया जाए।
- युवा महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु विशेष प्रोत्साहन व आरक्षण दिए जाएँ।
- डिजिटल डैशबोर्ड बनाकर इन सभाओं के परिणामों और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा किया जाए।
निष्कर्ष (Conclusion)
मॉडल युवा ग्राम सभा भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सशक्त पहल है। यह युवाओं को जमीनी स्तर पर निर्णय प्रक्रिया में शामिल करती है और उन्हें यह अनुभव कराती है कि लोकतंत्र केवल मतदान नहीं, बल्कि निरंतर संवाद और जवाबदेही की प्रक्रिया है।
भारत का लोकतंत्र तभी सशक्त और जीवंत रहेगा, जब उसकी युवा आवाज सबसे पहले उसके गाँवों में गूँजे — वहीं से भागीदारी की असली भावना शुरू होती है।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न-
प्रश्न: “आदर्श युवा ग्राम सभा जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक नवीनीकरण और युवा सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक का काम कर सकती है, लेकिन केवल तभी जब व्यवस्थागत चुनौतियों का समाधान किया जाए।”
भारत में सहभागी लोकतंत्र को मज़बूत करने में आदर्श युवा ग्राम सभा के महत्व पर चर्चा कीजिए और इसे और अधिक प्रभावी बनाने के उपाय सुझाइए। (250 शब्द)
