विश्व शेर दिवस 2025: संरक्षण की आवश्यकता और वैश्विक प्रयास

GS Paper 3: वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता, संवेदनशील प्रजातियाँ, प्राकृतिक आवास संरक्षण और शिकार विरोधी उपाय

GS Paper 2: सरकारी योजनाएँप्रोजेक्ट लायन, संवेदनशील प्रजातियाँ और संरक्षण कार्य

Prelims Facts: प्रोजेक्ट लायन और गुजरात में शेरों की संख्या, एशियाई शेर और अफ्रीकी शेर के बीच अंतर  

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में 10 अगस्त को विश्व शेर दिवस  गुजरात में  मनाया गया। यह दिवस शेरों के पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान और उनके संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का दिन है।

मुख्य बिंदु

  • 10 अगस्त 2025 को गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के बरदा वन्यजीव अभयारण्य में यह समारोह आयोजित किया गया। ।
  • इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित हुए।
  • इस कार्यक्रम में ₹180 करोड़ की वन्यजीव संरक्षण पहल का शुभारंभ भी किया गया। यह पहल शेरों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देगी।
  • गुजरात के 11 जिलों में शेरों के संरक्षण के प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के लाखों विद्यार्थी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। 
  • 2025 में, यह दिवस शेरों की घटती आबादी, उनके आवास के नुकसान, और अवैध शिकार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस दिन का उद्देश्य शेरों के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को एकजुट करना और उनके महत्व को समझाना है।

शेरों की वर्तमान स्थिति और संरक्षण

  • जनसंख्या:
    • वर्ल्ड पॉपुलेशन: शेरों की वैश्विक आबादी 20,000 से 35,000 के बीच है।
  • भारत में शेर:
  • भारत में एशियाई शेरों की संख्या 2020 से 32% बढ़ी है। 2020 में शेरों की संख्या 674 थी, जो मई 2025 में बढ़कर 891 हो गई है।
  • भारतीय शेर मुख्य रूप से गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं।
  • बरदा वन्यजीव अभयारण्य जो पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में स्थित है, शेरों के संरक्षण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। 2023 में शेरों के प्राकृतिक प्रवास के बाद, इस क्षेत्र में शेरों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है, जिसमें 6 वयस्क और 11 शावक शामिल हैं।
  • भारत सरकार के “प्रोजेक्ट लायन”  जिसका उद्देश्य गिर क्षेत्र में शेरों की संख्या बढ़ाना और उनके आवासों की रक्षा करना है; ने शेरो के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
  • खतरे:
    • आवास की हानि, मानव-वन्यजीव संघर्ष, अवैध शिकार और जलवायु परिवर्तन शेरों के लिए प्रमुख खतरे बने हुए हैं।
    • अफ्रीकी शेरों की आबादी में 30 वर्षों में 43% की गिरावट आई है, लेकिन कुछ दक्षिणी अफ्रीकी देशों में स्थितियां स्थिर हैं।

संरक्षण स्थिति:

  • IUCN रेड लिस्ट: लुप्तप्राय (EN)
    • वर्ष 2008 में एशियाई शेर की स्थिति को अति संकटग्रस्त (CR) से बदलकर लुप्तप्राय (EN) कर दिया गया था।
  • CITES: परिशिष्ट I
  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I

प्रोजेक्ट लायन:

  • प्रोजेक्ट लायन गुजरात राज्य सरकार और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण सहित अन्य हितधारकों द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एशियाई शेरों की संख्या में वृद्धि और उनके प्राकृतिक आवास का संरक्षण करना है।
  • मार्च 2025 में प्रोजेक्ट लायन के लिए ₹2,927.71 करोड़ की मंजूरी दी गई, जिसमें गुजरात के जूनागढ़ जिले में वन्यजीवों के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र (NRC-W) की स्थापना भी शामिल है।

एशियाई शेर एवं अफ्रीकी शेर में अंतर

विशेषताएशियाई शेर (Panthera leo persica)अफ्रीकी शेर (Panthera leo melanochaita)
आकारइनका आकार अफ्रीकी शेर के मुकाबले छोटा और नर का वजन 350-450 पाउंड तक होता है।इनका आकार बड़ा और नर का वजन 330-500 पाउंड तक होता है।
अयालछोटा, विरल, गहरा अयालभरा हुआ, लंबा, पूरे सिर को ढकने वाला अयाल
सामाजिक व्यवहारनर झुंड के साथ रहते हैंनर प्रजनन या शिकार के अलावा झुंड में नहीं रहते हैं
प्राकृतिक आवासशुष्क पर्णपाती वन (केवल भारत)सवाना, झाड़ीदार भूमि, रेगिस्तान
वितरणगिर, गुजरात के लिए विशेषउप-सहारा अफ्रीका में व्यापक रूप से
IUCN स्थितिलुप्तप्राय (Endangered)संवेदनशील (Vulnerable)
CITESपरिशिष्ट Iपरिशिष्ट II
प्रमुख खतरेअंतःप्रजनन, रोग, आवास क्षति, मानव संघर्षशिकार, आवास की क्षति, संघर्ष

संरक्षण प्रयासों का महत्व

गुजरात में एशियाई शेरों का संरक्षण एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रयास है। प्रोजेक्ट लायन के तहत किए गए प्रयासों ने शेरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे भारत में शेरों के संरक्षण को एक सफलता की कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। एशियाई शेरों के प्राकृतिक आवास, जैसे गिर राष्ट्रीय उद्यान और बरदा वन्यजीव अभयारण्य, संरक्षण के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।


स्रोत : पीआईबी

UPSC PYQ

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. एशियाई शेर प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।
  2. दो-कूबड़ वाला ऊँट प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।
  3. एक-सींग वाला गैंडा प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

UPSC PRACTICE

QUE. 2025 तक भारत में शेरों की संख्या कितनी बढ़ गई है?

(a) 674 से बढ़कर 891
(b) 674 से बढ़कर 1000
(c) 500 से बढ़कर 674
(d) 500 से बढ़कर 891

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो Share करें, Comment करें और इस पहल पर अपने विचार हमारे साथ साझा करें।

Spread the love

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

   
Scroll to Top