UPSC हेतु प्रासंगिकता: GS Paper 3 – अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण। प्रीलिम्स – वैश्विक शांति, परमाणु हथियारों का नियंत्रण |
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में हर वर्ष की भांति 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस मनाया गया। यह दिन 1945 में जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराए गए परमाणु बम की त्रासदी को याद करने का दिन है। विशेष रूप से 2025 में, जब दुनिया एक बार फिर परमाणु हथियारों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के खतरे से जूझ रही है, यह दिन और भी महत्वपूर्ण बन जाता है।
1945 में हुई घटना: दर्दनाक इतिहास
· 6 अगस्त 1945 को, अमेरिका ने बी-29 बमवर्षक विमान “एनोला गे” का उपयोग करते हुए हिरोशिमा पर “लिटिल बॉय” नामक परमाणु बम गिराया।
· इस हमले में तत्काल 70,000 से 80,000 लोग मारे गए और विकिरण के प्रभाव से अगले कुछ वर्षों में और कई लोग मर गए।
· तीन दिन बाद, 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम, “फैट मैन“, गिराया गया, जिससे जापान ने 14 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया और द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ।
· इस परमाणु बमबारी के बाद जापान ने 1970 में परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए, और हिरोशिमा ने खुद को शांति के शहर के रूप में पुनर्निर्मित करने की दिशा में काम किया।
परमाणु बम के परिणाम: तत्काल और दीर्घकालिक विनाश
- हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमों के गिरने से केवल तत्काल मौतों का ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ा।
- हिबाकुशा (हमले के जीवित बचे लोग) को विकिरण के कारण कैंसर, मानसिक आघात और शारीरिक विकृतियों से जूझना पड़ा।
- इन बमबारी के परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में कुपोषण और दूसरी बीमारियों से लाखों लोग प्रभावित हुए।

हिरोशिमा दिवस का उद्देश्य और वैश्विक संदेश
हिरोशिमा दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना का स्मरण नहीं है, बल्कि यह पूरे संसार को शांति, अहिंसा, और परमाणु निरस्त्रीकरण के महत्व को समझाने का एक अवसर है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि यदि परमाणु हथियार का उपयोग किया गया, तो उसका परिणाम सिर्फ विनाश होगा, सुरक्षा नहीं।
- जापान की शांति की प्रतिज्ञा: जापान हर साल इस दिन परमाणु निरस्त्रीकरण और शांति की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि करता है।
- वैश्विक भागीदारी: इस दिन संयुक्त राष्ट्र, NGOs, और अन्य वैश्विक संगठनों द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण और शांति के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
परमाणु हथियारों की फैलाव को रोकने के लिए वैश्विक प्रयास परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) – यह संधि परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बनाई गई थी। परमाणु अप्रसार संधि (NPT) – यह संधि परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से बनाई गई। सीमित परीक्षण प्रतिबंध संधि और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह – यह समूह परमाणु आपूर्ति और तकनीक को नियंत्रित करता है, ताकि परमाणु हथियारों का प्रसार रोका जा सके। मैनहट्टन परियोजना और परमाणु बम का विकास दिसंबर 1941 में, अमेरिकी सरकार ने जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के नेतृत्व में मैनहट्टन परियोजना की शुरुआत की थी। इस परियोजना का उद्देश्य था परमाणु बम का विकास, जिसे 1945 में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया गया। इस बमबारी के बाद, दुनिया में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और उनके प्रभावों के बारे में गहरे प्रश्न उठे, जो आज भी वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। |
अभी भी जरूरी है परमाणु निरस्त्रीकरण
हाइड्रोजन बम की ताकत: आज के समय में, हाइड्रोजन बम जैसे और भी अधिक शक्तिशाली परमाणु हथियार मौजूद हैं, जो हिरोशिमा जैसे हमलों से कहीं अधिक विनाशकारी हो सकते हैं।
विश्व युद्ध की आशंका: दुनिया में विभाजन, अविश्वास, और संवाद की कमी फिर से परमाणु प्रतिस्पर्धा की ओर ले जा सकती है। हालांकि, नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रीटी (NPT) और भारत की नो फर्स्ट यूज़ पॉलिसी महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन परमाणु युद्ध के खतरे को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है।
भारत और परमाणु निरस्त्रीकरण
भारत ने नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रीटी पर 1970 में हस्ताक्षर किए, और नो फर्स्ट यूज़ पॉलिसी अपनाई, जो इस बात का प्रमाण है कि भारत परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को केवल रक्षात्मक तौर पर देखता है, न कि आक्रामक। हालांकि, पूरे विश्व में परमाणु निरस्त्रीकरण को सुनिश्चित करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।
निष्कर्ष:
हिरोशिमा दिवस ने हमें यह सिखाया कि परमाणु हथियारों के उपयोग से केवल विनाश ही होता है, और यह दिन शांति की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन की आवश्यकता को दर्शाता है। यह दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम सभी को मिलकर परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए, ताकि हम शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकें।
UPSC Practice MCQ
प्रश्न: हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराने की घटना कब हुई थी?
(a) 5 अगस्त 1945
(b) 6 अगस्त 1945
(c) 9 अगस्त 1945
(d) 10 अगस्त 1945
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो Share करें, Comment करें और इस पहल पर अपने विचार हमारे साथ साझा करें।