UPSC हेतु प्रासंगिकता
GS Paper 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान, नवाचार
Prelims: इसरो की नई पहलें, अंतरिक्ष आधारित अनुसंधान
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 31 जुलाई 2025 को लद्दाख की त्सो कार घाटी में अपने महत्वाकांक्षी HOPE एनालॉग मिशन का आयोजन किया। यह मिशन गगनयान औरभविष्य के चंद्र/मंगल अभियानों के लिए तैयारी हेतु एक पृथ्वी-आधारित अंतरिक्ष अनुकरण मिशन है।
HOPE मिशन क्या है?
HOPE (Himalayan Outpost for Planetary Exploration) भारत का पहला अंतरिक्ष अनुकरण(analog) स्टेशन है । इस मिशन का उद्देश्य एक ऐसा पृथ्वी पर आधारित स्टेशन स्थापित करना है, जो अंतरिक्ष के जैसे कठोर और प्रतिकूल वातावरण को अनुकरण (simulate) कर सके ताकि:
- मानव शरीर और मानसिक स्थिति पर उसके प्रभाव का परीक्षण किया जा सके।
- अंतरिक्ष तकनीक, उपकरणों और स्वास्थ्य निगरानी प्रोटोकॉल को प्रमाणित किया जा सके।
- चंद्रमा, मंगल जैसे पिंडों पर भविष्य में मानव उपस्थिति के लिए डिज़ाइन और ऑपरेशन संबंधी मॉडल तैयार किए जा सकें।

HOPE स्टेशन की संरचना:
- Habitat Module: 8 मीटर व्यास का, जहां मिशन क्रू का रहना, कार्य करना, खाना बनाना और सोना होता है।
- Utility Module: 5 मीटर व्यास का, जो मिशन संचालन व सहायक प्रणालियों को संभालता है।
- दोनों मॉड्यूल निर्बाध कार्यप्रवाह हेतु आपस में जुड़े होते हैं।
गगनयान मिशन गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसे ISRO द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit – LEO) में 400 किमी तक भेजना और 3 दिन के बाद सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है। यह भारत को चौथा देश बना देगा जिसने स्वदेशी तकनीक से मानव को अंतरिक्ष में भेजा हो (US, Russia, China के बाद)। LVM3 यान (पूर्व नाम GSLV Mk-III) को गगनयान के लिए चुना गया है मिशन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोबोट ‘व्योममित्र’ का प्रयोग भी किया जाएगा, जो Uncrewed Flight में डाटा और व्यवहार की निगरानी करेगा। ISRO का Human Space Flight Centre (HSFC) इस मिशन का संचालन कर रहा है। भारत ने फ्रांस, रूस और अमेरिका जैसे देशों से प्रशिक्षण, उपकरण और अनुभव में सहयोग प्राप्त किया है। भारतीय वायुसेना के चयनित पायलटों को रूस में प्रशिक्षण दिया गया। |
- विशेष सुविधाएँ: हाइड्रोपोनिक खेती, सर्कैडियन प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता प्रणाली आदि।
क्यों त्सो कार घाटी को चुना गया ?
- अत्यंत ठंडा वातावरण
- उच्च UV विकिरण
- कम वायुदाब
- खारे पर्माफ्रॉस्ट की उपस्थिति
ये सभी वातावरणीय स्थितियाँ मंगल ग्रह के शुरुआती परिदृश्य से मिलती-जुलती हैं।
HOPE का संबंध गगनयान से
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान, 3 अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी की कक्षा में 3 दिन तक भेजने का लक्ष्य रखता है। HOPE जैसे एनालॉग मिशन इस तरह के मानवयुक्त अभियानों के लिए आवश्यक मानव, तकनीकी व परिचालन डेटा उपलब्ध कराते हैं।
वैश्विक संदर्भ :
यह मिशन विश्वभर में चल रहे व्यापक अनुकरण मिशनों का हिस्सा है। ये मिशन लंबी अवधि के लिए पृथ्वी से इतर अन्य ग्रहों पर मानव मिशनों की तैयारी करते हैं।
वैश्विक संदर्भ में इस तरह के अन्य स्टेशन :
· संयुक्त राज्य अमेरिका: Mars Desert Research Station
· कनाडा: Flashline Mars Arctic Research Station
· रूस: BIOS‑3 प्रयोगशाला
➡ ISRO का HOPE भी अब इस वैश्विक कड़ी में जुड़ गया है।
निष्कर्ष:
HOPE मिशन भारत की अंतरिक्ष नीति और वैज्ञानिक अनुसंधान में मील का पत्थर है। यह मिशन न केवल भारत की गगनयान और चंद्र/मंगल मिशनों की तैयारी को सुदृढ़ करता है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय एनालॉग अनुसंधान के पटल पर भी एक सक्रिय भागीदार बनाता है
स्रोत: इसरो वेबसाइट
UPSC Prelims संभावित MCQs:
Q.1 HOPE मिशन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह एक अंतरिक्ष अनुकरण मिशन है जिसे त्सो कर घाटी में स्थापित किया गया है।
- इसका उद्देश्य भारत के चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी करना है।
- यह मिशन निजी कंपनियों की भागीदारी के बिना पूरी तरह से ISRO द्वारा संचालित किया गया है।
कूट:
A) केवल 1
B) केवल 1 और 2
C) केवल 2 और 3
D) 1, 2 और 3
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