यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
जीएस पेपर 2: भारत और उसके पड़ोसी – आसियान, इंडो-पैसिफिक रणनीति, द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय समूह।
जीएस पेपर 3: आर्थिक विकास, व्यापार नीति, समुद्री सुरक्षा।
चर्चा में क्यों?
कुआलालंपुर में आयोजित 22वें आसियान–भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह पुष्टि की कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत–आसियान संबंध निरंतर प्रगति की राह पर हैं।
वर्चुअल संबोधन के दौरान उन्होंने घोषणा की कि 2026 को “आसियान–भारत समुद्री सहयोग वर्ष” के रूप में मनाया जाएगा।
पृष्ठभूमि: आसियान और भारत–आसियान साझेदारी
दक्षिण–पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है, जो दक्षिण–पूर्व एशिया में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सहयोग के साथ क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देता है।
स्थापना:
1967 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से।
संस्थापक सदस्य: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड।
वर्तमान सदस्य (10): ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।
मुख्यालय: जकार्ता, इंडोनेशिया।

संस्थागत ढाँचा
- आसियान शिखर सम्मेलन: क्षेत्रीय मुद्दों पर वार्षिक उच्च-स्तरीय चर्चा; अध्यक्षता घूर्णन पद्धति से।
- आसियान समन्वय परिषद (ACC): आसियान समझौतों और निर्णयों के कार्यान्वयन की देखरेख।
- आसियान सचिवालय: संगठन की गतिविधियों हेतु प्रशासनिक एवं तकनीकी सहायता।
- आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF): राजनीतिक और सुरक्षा संवाद का मंच (भारत 1996 में शामिल हुआ)।
- निर्णय-निर्माण: परामर्श और सहमति पर आधारित, जिससे सभी सदस्य समान रूप से भागीदार रहें।
आसियान फ्यूचर फोरम (2023)
43वें आसियान शिखर सम्मेलन में वियतनाम द्वारा प्रस्तावित, यह मंच सदस्यों और भागीदारों को नीतिगत विचारों और सिफारिशों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है।
भारत इसका संस्थापक सदस्य है।
भारत–आसियान साझेदारी का विकास
भारत की भागीदारी:
- क्षेत्रीय संवाद भागीदार – 1992
- शिखर-स्तरीय भागीदार – 2002
- व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) – 2022
साझा दृष्टिकोण:
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समृद्धि और कनेक्टिविटी के प्रति प्रतिबद्धता।
सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध:
प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान को भारत का “सांस्कृतिक भागीदार” कहा है, जो साझा विरासत, प्राचीन समुद्री व्यापार मार्गों और सभ्यतागत जुड़ावों को प्रतिबिंबित करता है।
22वें शिखर सम्मेलन की मुख्य घोषणाएँ
- आसियान–भारत समुद्री सहयोग वर्ष (2026): समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत और नीली अर्थव्यवस्था में सहयोग को प्रोत्साहन।
- डिजिटल समावेशन: भारत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, ई-गवर्नेंस और फिनटेक कनेक्टिविटी में सहयोग करेगा।
- लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएँ: भरोसेमंद और विविध आपूर्ति नेटवर्क विकसित करने की प्रतिबद्धता।
- मानवीय एवं आपदा राहत (HADR): भारत दक्षिण–पूर्व एशिया में मानवीय अभियानों में सक्रिय रहेगा।
- AITIGA समझौते का अद्यतन: व्यापार और निवेश में वृद्धि हेतु आसियान–भारत वस्तु व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना।
आर्थिक आयाम: व्यापार और कनेक्टिविटी
आसियान–भारत वस्तु व्यापार समझौता (AITIGA), जिस पर 2009 में हस्ताक्षर हुए थे, की समीक्षा संतुलित एवं विकासोन्मुख सुधार के लिए की जा रही है।
- आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है (कुल व्यापार का ~11%)।
- भारत का निर्यात (2024): $44 बिलियन; आयात: $58 बिलियन।
- प्रमुख वस्तुएँ: इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम उत्पाद, कृषि वस्तुएँ, औषधियाँ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नया एआईटीआईजीए भारत–आसियान संबंधों की “पूरी आर्थिक क्षमता को उजागर करेगा”।
समुद्री सहयोग: इंडो–पैसिफिक विज़न का स्तंभ
2026 को “समुद्री सहयोग वर्ष” घोषित करना भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति का विस्तार है।
मुख्य क्षेत्र:
- नौसैनिक अभ्यास एवं संयुक्त गश्त द्वारा समुद्री सुरक्षा।
- समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने एवं तस्करी की रोकथाम।
- सतत महासागर अर्थव्यवस्था और अनुसंधान।
- मानवीय सहायता एवं आपदा राहत।
उदाहरण: भारत ने ADMM-Plus समुद्री अभ्यासों में सक्रिय भागीदारी की है, जो उसकी रणनीतिक सामरिक सहयोग क्षमता को दर्शाता है।
साझा सांस्कृतिक और रणनीतिक मूल्य
प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि भारत और आसियान संयुक्त रूप से विश्व की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
दोनों साझा सभ्यतागत विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों और नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े हैं।
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने भी कहा कि भारत–आसियान संबंध “दोस्ती, विश्वास और साझा हितों” पर आधारित हैं।
विकासात्मक और मानवीय सहयोग
भारत ने निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग का संकल्प दोहराया है –
- खाद्य सुरक्षा एवं कृषि नवाचार
- स्वास्थ्य एवं महामारी की तैयारी
- शिक्षा एवं कौशल विकास
- हरित ऊर्जा संक्रमण
- साइबर सुरक्षा एवं उभरती प्रौद्योगिकियाँ
उदाहरण: भारत का डिजिटल इंडिया स्टैक और CoWIN मॉडल आसियान देशों द्वारा डिजिटल समावेशन के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में सराहा गया है।
भारत–आसियान संबंधों की चुनौतियाँ
- व्यापार असंतुलन: भारत का आसियान के साथ $14 बिलियन से अधिक का व्यापार घाटा।
- कनेक्टिविटी अंतराल: भारत–म्यांमार–थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसी परियोजनाओं में देरी।
- भू-राजनीतिक तनाव: दक्षिण चीन सागर में चीन का प्रभाव आसियान की एकता को चुनौती देता है।
- नियामक बाधाएँ: गैर-टैरिफ उपाय और भिन्न मानक व्यापार को सीमित करते हैं।
- सीमित जन-संपर्क: सांस्कृतिक और जन-जन आदान-प्रदान का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाया है।
आगे की राह
- एआईटीआईजीए समीक्षा में तेजी और पारस्परिक रूप से लाभप्रद ढाँचे का निर्माण।
- समुद्री डोमेन जागरूकता हेतु संयुक्त निगरानी और सूचना साझाकरण।
- यूपीआई और डिजिटल भुगतान प्रणाली को आसियान फिनटेक नेटवर्क से जोड़ना।
- एक्ट ईस्ट नीति के तहत कनेक्टिविटी गलियारों में निवेश।
- शैक्षणिक, युवा और पर्यटन आदान-प्रदान को प्रोत्साहन।
निष्कर्ष
भारत और आसियान मिलकर इंडो–पैसिफिक क्षेत्र के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं — एक ऐसा भविष्य जो स्थिरता, समृद्धि और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह कथन इस साझेदारी का सार प्रस्तुत करता है:
“21वीं सदी भारत और आसियान की शताब्दी है।”
बढ़ती समुद्री सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और डिजिटल संपर्कों के साथ, भारत–आसियान साझेदारी न केवल क्षेत्रीय व्यवस्था बल्कि वैश्विक स्थिरता की आधारशिला बनने की दिशा में अग्रसर है।
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा अभ्यास प्रश्न (UPSC Prelims Practice Questions)
प्रश्न 1.आसियान सचिवालय (ASEAN Secretariat) कहाँ स्थित है?
A. बैंकॉक
B. जकार्ता
C. कुआलालंपुर
D. सिंगापुर
उत्तर: B
व्याख्या:आसियान सचिवालय का मुख्यालय इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित है। यह सचिवालय आसियान की गतिविधियों, नीतियों और समझौतों के कार्यान्वयन का समन्वय करता है तथा सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।
सही विकल्प: B. जकार्ता
प्रश्न 2.आसियान (ASEAN) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- आसियान की स्थापना 1967 के बैंकॉक घोषणा के माध्यम से की गई थी।
- भारत आसियान का संस्थापक सदस्य है।
- आसियान का आदर्श वाक्य है — “एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय” (“One Vision, One Identity, One Community.”)
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2
C. केवल 1 और 2
D. केवल 3
उत्तर: A
व्याख्या:
- कथन 1 सही है – आसियान का गठन 8 अगस्त 1967 को बैंकॉक घोषणा (Bangkok Declaration) के माध्यम से हुआ था।
- कथन 2 गलत है – भारत इसका संस्थापक सदस्य नहीं, बल्कि संवाद भागीदार (Dialogue Partner) है।
- कथन 3 सही है – आसियान का आधिकारिक मोटो (Motto) है “One Vision, One Identity, One Community” अर्थात “एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय”।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
Q1.“21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है।” विकासशील रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी के परिप्रेक्ष्य में इस कथन का परीक्षण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द)
Q2.भारत-आसियान संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और भारत के हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में समुद्री सहयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)
