पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (NBS)

यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
  • प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): एनबीएस योजना की विशेषताएँ।
  • मुख्य परीक्षा (Mains) – जीएस पेपर 3: कृषि।

चर्चा में क्यों?

प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी सीजन 2025–26 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों हेतु पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) दरों को मंज़ूरी दे दी है।

इस कदम का उद्देश्य भारतीय कृषि में संतुलित पोषक तत्वों के उपयोग को बनाए रखते हुए किसानों को उर्वरकों की समय पर और किफायती उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

पृष्ठभूमि

सब्सिडी को समझना

सब्सिडी सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के लिए वस्तुओं या सेवाओं की लागत को कम करने के लिए प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता है। उर्वरकों के मामले में, सब्सिडी किसानों को बाजार मूल्य से कम कीमत पर आवश्यक पोषक तत्वों को खरीदने में मदद करती है, जिससे उच्च उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) क्या है?

  • पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना को 1 अप्रैल 2010 को शुरू किया गया था, जिसने पहले की उत्पाद-आधारित सब्सिडी प्रणाली की जगह ली।
  • एनबीएस के तहत, सरकार फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों में निहित पोषक तत्वों — नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P), पोटेशियम (K), और सल्फर (S) — के प्रति किलोग्राम पर एक निश्चित सब्सिडी प्रदान करती है।
  • यह रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत उर्वरक विभाग द्वारा कार्यान्वित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।

मुख्य उद्देश्य

  • किसानों के लिए उचित कीमतों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • नाइट्रोजनयुक्त (यूरिया-आधारित) उर्वरकों पर अत्यधिक निर्भरता के बजाय संतुलित और मिट्टी-विशिष्ट उर्वरक उपयोग को प्रोत्साहित करना।
  • उर्वरक उद्योग में दक्षता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना।

मुख्य प्रावधान और विशेषताएँ

  • पोषक तत्व सामग्री पर आधारित सब्सिडी: उत्पादों को सब्सिडी देने के बजाय, सब्सिडी अब पोषक तत्व सामग्री (N, P, K, और S के लिए ₹/किलोग्राम) से जुड़ी हुई है।
  • मूल्य निर्धारण में स्वतंत्रता: उर्वरक कंपनियाँ P&K उर्वरकों के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि उन्हें उचित और बाजार से जुड़ा रखते हुए सरकार द्वारा निगरानी भी की जाती है।
  • कवरेज: इसमें डाई-अमोनियम फास्फेट (DAP) और NPKS कॉम्प्लेक्स सहित 28 ग्रेड के फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरक शामिल हैं।
  • विशेष सहायता प्रावधान: वैश्विक मूल्य अस्थिरता के दौरान सरकार विशेष पैकेज या अतिरिक्त सब्सिडी (उदाहरण के लिए, डीएपी पर) की घोषणा कर सकती है।
  • यूरिया अपवाद: यूरिया एनबीएस के अंतर्गत शामिल नहीं है और सांविधिक मूल्य नियंत्रण के अधीन है, जिसका एमआरपी ₹242 प्रति 45 किलोग्राम बैग (मार्च 2018 से) निर्धारित है।

योजना का महत्व

  • किफायती उर्वरक: सब्सिडी वाले और स्थिर कीमतों पर P&K उर्वरकों की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
  • संतुलित पोषक तत्व उपयोग: नाइट्रोजन के अति प्रयोग से बचते हुए, मिट्टी परीक्षण और फसल की जरूरतों के आधार पर वैज्ञानिक उर्वरक उपयोग को प्रोत्साहित करता है।
  • राजकोषीय पारदर्शिता: कंपनियों को सब्सिडी की गणना और भुगतान को सरल बनाता है, जिससे दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
  • निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन: उर्वरक निर्माताओं को लचीलापन प्रदान करता है, प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा देता है।

आने वाली चुनौतियाँ

  • मूल्य असंतुलन: यूरिया P&K उर्वरकों की तुलना में सस्ता बना हुआ है, जिससे असंतुलित उपयोग (अतिरिक्त नाइट्रोजन, फास्फोरस की कमी) होता है।
  • आयात पर निर्भरता: भारत फॉस्फेट और पोटाश जैसे कच्चे माल के लिए आयात पर अत्यधिक निर्भर है।
  • विलंबित भुगतान: सब्सिडी के वितरण में देरी उर्वरक कंपनियों के लिए नकदी प्रवाह (liquidity) को प्रभावित करती है।
  • पर्यावरणीय चिंताएँ: कुछ उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग मिट्टी के स्वास्थ्य और भूजल की गुणवत्ता को नुकसान पहुँचाना जारी रखता है।

आगे की राह (Way Forward)

  • यूरिया को एनबीएस के तहत लाना: एक समान पोषक तत्व मूल्य निर्धारण प्रणाली बनाने और संतुलन को बढ़ावा देने के लिए।
  • जैविक और नैनो उर्वरकों को बढ़ावा देना: मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने और रासायनिक निर्भरता को कम करने के लिए।
  • घरेलू उत्पादन को बढ़ाना: उर्वरक विनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत को मज़बूत करना।
  • डिजिटल निगरानी: पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रियल-टाइम ट्रैकिंग और डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) का उपयोग करना।

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
  1. यह योजना नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और सल्फर जैसे पोषक तत्वों की सामग्री के प्रति किलोग्राम पर एक निश्चित सब्सिडी प्रदान करती है।
  2. इसमें यूरिया सहित सभी उर्वरक शामिल हैं।
  3. यह योजना उर्वरक कंपनियों को सरकार की निगरानी में अपने अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) यथोचित रूप से तय करने की अनुमति देती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

 (A) केवल 1 और 2
 (B) केवल 1 और 3
 (C) केवल 2 और 3
 (D) 1, 2, और 3

 उत्तर: (B) केवल 1 और 3

व्याख्या:

  • एनबीएस योजना पोषक तत्वों (N, P, K, S) के प्रति किलोग्राम पोषक तत्व पर निश्चित सब्सिडी प्रदान करती है — इसलिए कथन 1 सही है।
  • यूरिया इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं है; यह अब भी मूल्य नियंत्रण (price control) के अधीन है — इसलिए कथन 2 गलत है।
  • उर्वरक कंपनियाँ सरकारी निगरानी में अपने एमआरपी (MRP) को यथोचित सीमाओं में तय कर सकती हैं — इसलिए कथन 3 सही है।

प्रश्न 2.भारत में उर्वरक सब्सिडी के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. यूरिया को पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (NBS) के तहत विनियमित किया जाता है।
  2. डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) और एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनबीएस के अंतर्गत शामिल हैं।
  3. एनबीएस योजना का कार्यान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(A) केवल 2
 (B) केवल 1 और 2
 (C) केवल 2 और 3
 (D) 1, 2, और 3

उत्तर: (A) केवल 2

व्याख्या:

  • यूरिया एनबीएस के अंतर्गत नहीं आता; यह अभी भी सरकार द्वारा नियंत्रित मूल्य व्यवस्था के तहत है — इसलिए कथन 1 गलत है।
  • डीएपी (DAP) और एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक एनबीएस योजना में शामिल हैं — इसलिए कथन 2 सही है।
  • एनबीएस योजना का कार्यान्वयन रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग (Department of Fertilizers) द्वारा किया जाता है, न कि कृषि मंत्रालय द्वारा — इसलिए कथन 3 गलत है।
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न

प्रश्न (सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 – कृषि)

पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना की प्रमुख विशेषताओं और उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।चर्चा कीजिए कि इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में संतुलित उर्वरक उपयोग और राजकोषीय दक्षता को कैसे बढ़ावा देना है। (150 शब्द)

source-PIB

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