भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र: जीवन का पोषण, प्रकृति का सम्मान

यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता:

  • प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र, एमएबी कार्यक्रम (MAB Programme), यूनेस्को, सतत विकास, सीएनआरई योजना, शीत मरुस्थल जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र।
  • जीएस पेपर 3: पर्यावरण, संरक्षण, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन।

खबरों में क्यों?

3 नवंबर 2025 को, दुनिया ने अंतर्राष्ट्रीय जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र दिवस मनाया, उन क्षेत्रों को मान्यता दी जहाँ प्रकृति और समुदाय सामंजस्यपूर्ण ढंग से सह-अस्तित्व में हैं।

भारत में, यह दिवस देश के 18 जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के व्यापक नेटवर्क को रेखांकित करता है, जो पहाड़ों, जंगलों, तटों और द्वीपों में फैले हुए हैं — यह यूनेस्को के ‘मानव और जीवमंडल (Man and the Biosphere – MAB)’ कार्यक्रम के तहत जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास के प्रति देश की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पृष्ठभूमि

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों की कल्पना “जीवित प्रयोगशालाओं” के रूप में की गई थी — जो जैव विविधता संरक्षण और मानव विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए परीक्षण स्थल हैं।

  • यह विचार यूनेस्को के एमएबी कार्यक्रम के तहत उभरा, जिसे 1971 में विज्ञान, शिक्षा और सहयोग के माध्यम से लोगों और प्रकृति के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था।
  • भारत 1986 में अपने पहले जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र, नीलगिरि जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र, को नामित करके इस वैश्विक प्रयास में शामिल हुआ।
  • समय के साथ, ये आरक्षित क्षेत्र स्थलीय, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों में जलवायु लचीलापन, सतत आजीविका और पारिस्थितिक सुरक्षा के लिए मॉडल बन गए हैं।

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere Reserves) क्या हैं?

एक जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (BR) राष्ट्रीय सरकार द्वारा जैव विविधता के संरक्षण के साथ-साथ सतत संसाधन उपयोग और सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए नामित एक क्षेत्र है।

इन्हें अक्सर “सतत विकास के लिए सीखने के स्थानों” के रूप में वर्णित किया जाता है — जो वैज्ञानिक अनुसंधान, स्वदेशी ज्ञान और संरक्षण योजना को एकीकृत करते हैं।

प्रत्येक जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में आमतौर पर शामिल हैं:

  1. कोर ज़ोन (Core zone): कड़ाई से संरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र जहाँ मानवीय गतिविधि न्यूनतम होती है।
  2. बफर ज़ोन (Buffer zone): कोर को घेरे हुए, यह सीमित अनुसंधान या पर्यटन की अनुमति देता है।
  3. संक्रमण ज़ोन (Transition zone): सबसे बाहरी क्षेत्र जो स्थानीय समुदायों और सतत आजीविका का समर्थन करता है।

वैश्विक स्तर पर, 260 मिलियन से अधिक लोग जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के भीतर रहते हैं, जो सामूहिक रूप से 7 मिलियन वर्ग किमी क्षेत्र की रक्षा करते हैं — जो लगभग ऑस्ट्रेलिया के आकार का है।

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र और जैव विविधता में क्या अंतर है? जैव विविधता (Biodiversity) एक क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीवन की संपूर्ण विविधता है, जिसमें पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव शामिल हैं।जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र जैव विविधता के संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए पहचाने गए संरक्षित क्षेत्र हैं। इनमें स्थलीय, तटीय, या समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र या इनका संयोजन शामिल हो सकता है।  

यूनेस्को मानव और जीवमंडल (MAB) कार्यक्रम

एमएबी कार्यक्रम जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के निर्माण और प्रबंधन के लिए वैश्विक ढाँचा प्रदान करता है। यह प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञान को जोड़ता है ताकि निम्नलिखित को संबोधित किया जा सके:

●      जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता का नुकसान।

●      पारिस्थितिकी तंत्र-समाज का परस्पर प्रभाव।

●      सतत विकास और शिक्षा।

●      पर्यावरण ज्ञान का आदान-प्रदान।

एमएबी के मानदंडों को पूरा करने वाले जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों को वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व (WNBR) में शामिल किया जाता है, जो सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने वाले स्थलों का एक गतिशील वैश्विक नेटवर्क है। एमएबी अंतर्राष्ट्रीय समन्वय परिषद (MAB-ICC) — जिसमें 34 सदस्य देश शामिल हैं — इसके मुख्य शासी निकाय के रूप में कार्य करती है।

भारत में जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

भारत में 18 अधिसूचित जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र हैं, जो लगभग 91,425 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करते हैं — यह देश के क्षेत्रफल का लगभग 2.8% है। इनमें से 13 यूनेस्को के WNBR का हिस्सा हैं।

●      यह कार्यक्रम पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा प्राकृतिक संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्रों के संरक्षण (CNRE) कार्यक्रम की एक उप-योजना, जैव विविधता संरक्षण के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के तहत प्रशासित किया जाता है।

●      वित्त पोषण पैटर्न:

○      केंद्र और राज्य के बीच 60:40 का अनुपात।

○      पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 का अनुपात।

●      2025–26 में, बजट आवंटन दोगुना होकर ₹5 करोड़ से ₹10 करोड़ हो गया, जो पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के प्रति बढ़ी हुई प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रीय योजनाओं के साथ एकीकरण

भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र कई प्रमुख पहलों के साथ तालमेल में काम करते हैं:

●      प्रोजेक्ट टाइगर (1973): आवास संरक्षण के माध्यम से बाघों की आबादी को पुनर्जीवित किया।

●      प्रोजेक्ट एलीफेंट: हाथियों की रक्षा करता है और मानव-हाथी संघर्षों को कम करता है।

●      हरित भारत मिशन: वन आवरण और कार्बन अवशोषण को बढ़ाता है।

●      राष्ट्रीय जैव विविधता कार्य योजना (NBAP): जैविक संसाधनों तक पहुँच को विनियमित करता है।

●      वन्यजीव आवासों का एकीकृत विकास (IDWH): आवास बहाली और सामुदायिक भागीदारी का समर्थन करता है।

●      पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZs): नाजुक पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा के लिए बफर के रूप में कार्य करते हैं।

ये आपस में जुड़ी हुई योजनाएँ पारिस्थितिक संरक्षण को सामाजिक-आर्थिक कल्याण के साथ जोड़कर एक समग्र संरक्षण मॉडल बनाती हैं।

मुख्य तथ्य

श्रेणीजैवमंडल आरक्षित क्षेत्रस्थान / वर्ष
सबसे बड़ाग्रेट रन ऑफ कच्छगुजरात – 12,454 वर्ग किमी
सबसे छोटानोकरेकमेघालय – 820 वर्ग किमी
सबसे पुरानानीलगिरि1986
सबसे नयापन्ना2011
सबसे नया यूनेस्को समावेश (2025)शीत मरुस्थल जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रहिमाचल प्रदेश
सर्वाधिक BR वाले राज्यमध्य प्रदेश (3), तमिलनाडु (3)

प्रभाव और उपलब्धियाँ

भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र संरक्षण और सतत जीवन में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित हुए हैं:

  • जैव विविधता संरक्षण: दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा, पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन का समर्थन।
  • जलवायु लचीलापन: सतत भूमि उपयोग के माध्यम से नाजुक पारिस्थितिकी तंत्रों में अनुकूलन को बढ़ावा देना।
  • आजीविका सुरक्षा: पर्यावरण-पर्यटन, जैविक खेती, और वैकल्पिक आजीविका को बढ़ावा देना।
  • वन स्वास्थ्य में सुधार: भारत अब कुल वन क्षेत्र में विश्व स्तर पर 9वें स्थान पर और वार्षिक वन वृद्धि में तीसरे स्थान पर है (एफएओ, 2025)।
  • वैश्विक मान्यता: यूनेस्को के WNBR में भारत की बढ़ती उपस्थिति संरक्षण कूटनीति में इसके नेतृत्व को रेखांकित करती है।

आगे की चुनौतियाँ

प्रगति के बावजूद, कई मुद्दे बने हुए हैं:

  • बफर क्षेत्रों के पास मानव-वन्यजीव संघर्ष।
  • संक्रमण क्षेत्रों में असतत संसाधन निष्कर्षण
  • कुछ राज्यों में सीमित वित्त पोषण और अनुसंधान अवसंरचना।
  • केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के बीच अधिक समन्वय की आवश्यकता।

दीर्घकालिक पारिस्थितिक और आजीविका सुरक्षा प्राप्त करने के लिए इन चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण होगा।

आगे की राह (Way Forward)

  • सामुदायिक-आधारित पारिस्थितिक-विकास और स्थानीय शासन को मजबूत करना।
  • अनुकूली प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान-नीति संपर्क को प्रोत्साहित करना।
  • वन और जैव विविधता डेटा के लिए डिजिटल निगरानी प्रणालियों का विस्तार करना।
  • जलवायु एकीकरण को बढ़ाना — जैव विविधता लक्ष्यों को कार्बन पृथक्करण से जोड़ना।
  • नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए यूनेस्को के एमएबी के तहत अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी को बढ़ावा देना।

बढ़ते निवेश और भागीदारी के साथ, भारत के जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र मनुष्यों और प्रकृति के बीच सह-अस्तित्व के मॉडल के रूप में काम करना जारी रख सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र दिवस का अवलोकन पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रति उसकी अटल प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वैज्ञानिक नवाचार, सामुदायिक भागीदारी और नीतिगत एकजुटता के संयोजन से, भारत संरक्षण में वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है। लोगों और ग्रह के बीच संतुलन के जीवित उदाहरण के रूप में, जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र केवल पारिस्थितिक क्षेत्र नहीं हैं — वे एक सतत भविष्य के लिए आशा के प्रतीक हैं।

यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.

भारत में जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र यूनेस्को द्वारा अधिसूचित क्षेत्र हैं और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार (International Jurisdiction) के तहत आते हैं।
  2. उनका उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास के बीच संतुलन को बढ़ावा देना है।
  3. प्रत्येक जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में सामान्यतः कोर, बफर और संक्रमण क्षेत्र (Transition Zones) शामिल होते हैं।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
 (a) केवल 1 और 2
 (b) केवल 2 और 3
 (c) केवल 1 और 3
 (d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्पष्टीकरण:
 जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण में नहीं होते; उन्हें राष्ट्रीय सरकारों द्वारा नामित किया जाता है।
 यूनेस्को केवल उन्हें अपने मानव और जीवमंडल (MAB) कार्यक्रम के तहत मान्यता देता है।
 इनकी संरचना में संरक्षण और सामुदायिक विकास के समन्वय हेतु कोर, बफर और संक्रमण क्षेत्र शामिल होते हैं।

प्रश्न 2.

निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रविशिष्ट विशेषता
1. नीलगिरिभारत का पहला जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र
2. ग्रेट रन ऑफ कच्छभारत का सबसे बड़ा जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र
3. नोकरेकभारत का सबसे छोटा जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र
4. पन्नानामित होने वाला नवीनतम जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
 (a) केवल एक
 (b) केवल दो
 (c) केवल तीन
 (d) सभी चार

उत्तर: (d)

स्पष्टीकरण:
सभी चार युग्म सही हैं —

  • नीलगिरि (1986) भारत का पहला जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र है।
  • ग्रेट रन ऑफ कच्छ सबसे बड़ा है।
  • नोकरेक (मेघालय) सबसे छोटा है।
  • पन्ना (2011) नवीनतम नामित जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र है।

प्रश्न 3.

यूनेस्को का मानव और जीवमंडल (MAB) कार्यक्रम मुख्य रूप से किस उद्देश्य से है?

(a) केवल अंतर्राष्ट्रीय जल के भीतर समुद्री जैव विविधता की निगरानी करना।
 (b) पारिस्थितिकी तंत्र–समाज के परस्पर प्रभाव और सतत विकास के अध्ययन को बढ़ावा देना।
 (c) CITES ढांचे के तहत लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापार को विनियमित करना।
 (d) संरक्षण पर एकसमान वैश्विक कानून स्थापित करना।

 उत्तर: (b)

स्पष्टीकरण:MAB कार्यक्रम मानव और पर्यावरण के बीच संतुलन एवं सामंजस्य को बढ़ाने पर केंद्रित है।
 यह प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञानों को एकीकृत करता है ताकि सतत विकास के लिए मॉडल, अनुसंधान और निगरानी को प्रोत्साहित किया जा सके।

प्रश्न 4.

निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से भारत में जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) का सही वर्णन करता है/करते हैं?

  1. यह प्राकृतिक संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्रों के संरक्षण (CNRE) कार्यक्रम के तहत संचालित होता है।
  2. सामान्य राज्यों के लिए वित्त पोषण पैटर्न 60:40 और पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 है।
  3. इसे राज्य वन विभागों के सहयोग से जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।

नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
 (a) केवल 1 और 2
 (b) केवल 2 और 3
 (c) केवल 1 और 3
 (d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

स्पष्टीकरण:यह योजना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा कार्यान्वित की जाती है, न कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा।
 यह जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिक-विकास के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

प्रश्न 5.

शीत मरुस्थल जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Cold Desert Biosphere Reserve), जिसे हाल ही में यूनेस्को के विश्व जैवमंडल आरक्षित नेटवर्क (WNBR, 2025) में शामिल किया गया है, कहाँ स्थित है?

(a) लद्दाख
 (b) हिमाचल प्रदेश
 (c) सिक्किम
 (d) अरुणाचल प्रदेश

उत्तर: (b)

स्पष्टीकरण:सितंबर 2025 में, हिमाचल प्रदेश के शीत मरुस्थल जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र को
 यूनेस्को के विश्व जैवमंडल आरक्षित नेटवर्क (WNBR) में शामिल किया गया।
 यह भारत की बढ़ती वैश्विक संरक्षण भूमिका को दर्शाता है।

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