AI-आकार की दुनिया में एंगेल्स का विराम

यूपीएससी प्रासंगिकता- जीएस-3 (अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, रोजगार, असमानता, शासन) को शामिल करता है।

चर्चा में क्यों

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के अग्रणी और नोबेल पुरस्कार विजेता जेफ्री हिंटन ने हाल ही में Financial Times में चेतावनी दी कि AI आर्थिक असमानता बढ़ा सकता है। उनके अनुसार, समाज का एक छोटा वर्ग अत्यधिक लाभान्वित हो सकता है, जबकि अधिकांश लोगों की आय स्थिर या घट सकती है।

इसने “एंगेल्स का विराम” पर बहस को फिर से शुरू किया। यह वह ऐतिहासिक घटना है जब औद्योगिक क्रांति के दौरान तकनीकी प्रगति ने उत्पादन बढ़ाया, लेकिन श्रमिकों की मजदूरी दशकों तक स्थिर रही। हिंटन का बयान बताता है कि AI-संचालित स्वचालन पूंजी मालिकों और तकनीकी कंपनियों को असमान लाभ पहुंचा सकता है, जबकि आम कर्मचारी पिछड़ सकते हैं।


पृष्ठभूमि: एंगेल्स का विराम क्या है?

● “एंगेल्स का विराम” शब्द अर्थशास्त्री रॉबर्ट एलन ने गढ़ा, फ्रेडरिक एंगेल्स के ब्रिटेन के अवलोकनों से प्रेरित।

● इसका अर्थ है:

  1. तकनीकी नवाचार से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि।
  2. श्रमिकों की मजदूरी स्थिर रही, आर्थिक विकास के अनुपात में नहीं बढ़ी।
  3. धन का संकेंद्रण कारखाना मालिकों और पूंजीपतियों के पास।
    ऐतिहासिक संदर्भ:
    ● ब्रिटेन की औद्योगिक क्रांति के दौरान भारी आर्थिक विकास हुआ, लेकिन आम श्रमिकों को सीमित लाभ मिले।
    ● बाद में श्रम सुधार, ट्रेड यूनियनों और कल्याणकारी नीतियों के कारण लाभ अधिक व्यापक रूप से साझा हुए।
    आज की प्रासंगिकता
    ● AI को आधुनिक सामान्य-उद्देश्यीय तकनीक माना जा सकता है, जैसे भाप इंजन, बिजली, इंटरनेट।
    ● AI में उत्पादकता और विकास बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन अल्पकाल में लाभ समान रूप से फैलने से पहले यह नौकरियों में विस्थापन, वेतन में स्थिरता और असमानता ला सकता है।

एआई युग में आधुनिक एंगेल्स के संकेत

  1. उत्पादकता बढ़ी, वेतन स्थिर
    ○ फिलीपींस के कॉल सेंटरों में AI सह-पायलटों ने श्रमिकों की उत्पादकता 30-50% बढ़ा दी।
    ○ कंपनियों को लाभ मिला, लेकिन मजदूरी स्थिर रही और कार्यभार बढ़ गया।
    ○ बढ़ती मुद्रास्फीति वास्तविक आय घटाती है, जैसे 19वीं सदी में ब्रिटेन में हुआ।
  2. पूरक लागत बढ़ी

○ AI से लाभ उठाने के लिए, कर्मचारियों को क्लाउड कंप्यूटिंग, बड़े डेटासेट, पुनःकौशल और प्रमाणन की जरूरत है।
○ यह डिजिटल अस्तित्व की लागत पैदा करता है, जैसे 19वीं सदी में खाद्य कीमतों ने मजदूरों की क्रय शक्ति घटाई।

  1. लाभों का असमान वितरण
    ○ PwC के अनुसार, AI 2030 तक वैश्विक GDP में $15.7 ट्रिलियन का योगदान कर सकता है।
    ○ इसका लाभ मुख्य रूप से अमेरिका, चीन और तकनीकी दिग्गजों तक सीमित रहेगा।
    ○ IMF (2024) के अनुसार, दुनिया की 40% नौकरियाँ AI के अधीन हैं, और उन्नत अर्थव्यवस्थाएँ उच्च-कुशल कार्यों के प्रतिस्थापन का सामना कर रही हैं।
  2. नौकरी विस्थापन और कार्य परिवर्तन
    ○ स्वास्थ्य सेवा: AI-सहायता प्राप्त निदान और AI-संचालित अस्पताल नियमित कार्यों को बदल रहे हैं।
    ○ शिक्षा, वित्त, प्रशासन: दोहराव वाले काम तेजी से स्वचालित हो रहे हैं।
    ○ शासन: कुछ देशों ने AI नीति प्रबंधन के लिए विशेष मंत्री नियुक्त किए हैं, जैसे अल्बानिया।
    एआई युग की चुनौतियाँ
  3. वेतन असमानता
    ○ कुशल श्रमिक और पूंजीपति अधिकांश लाभ लेते हैं।
    ○ साधारण श्रमिक स्थिर या घटती मजदूरी का सामना कर सकते हैं।
  4. शासन अंतराल
    ○ AI मॉडल, एल्गोरिदम और डेटा पर वैश्विक नियम कमजोर हैं।
    ○ इससे डेटा और शक्ति का केंद्रीकरण होता है।
  5. पहुँच में अंतर
    ○ उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग और बड़े डेटासेट कुछ ही देशों और कंपनियों तक सीमित हैं।
    ○ विकासशील देश और छोटी फर्में प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं।
  6. पुनःकौशल का बोझ
    ○ कर्मचारियों को प्रासंगिक बने रहने के लिए लगातार सीखना और प्रमाणन लेना होगा।
    ○ उच्च लागत और सीमित पहुँच कमजोर समूहों को पीछे छोड़ सकती है।
  7. लोकतंत्र पर असर

○ नौकरी नुकसान और आर्थिक असुरक्षा सामाजिक अशांति और राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ा सकती है।
○ यदि लाभ केवल अभिजात वर्ग तक सीमित रहें, तो जनता का विश्वास कम हो सकता है।

आगे की राह: एआई और एंगेल्स के विराम से मुक्ति

  1. कौशल और मानव पूँजी
    ○ निरंतर पुनःकौशल और शिक्षा में निवेश।
    ○ उदाहरण: सिंगापुर का SkillsFuture कार्यक्रम और अबू धाबी का MBZUAI विश्वविद्यालय।
  2. एआई लाभों का पुनर्वितरण
    ○ नीति निर्माता: AI-जनित धन को सामाजिक कल्याण और पुनःकौशल में लगाएँ।
    ○ उदाहरण: रोबोट कर, यूरोप और UK में UBI पायलट, परोपकारी पहलें।
  3. AI को सार्वजनिक वस्तु बनाना
    ○ कंप्यूटिंग संसाधनों और डेटासेट को सार्वजनिक उपयोगिता मानें।
    ○ ओपन-सोर्स और सार्वजनिक AI मॉडल का समर्थन करें।
  4. वैश्विक शासन
    ○ संयुक्त राष्ट्र, IMF और G20 के तहत वैश्विक नियामक ढाँचा।
    ○ समावेशी नीति और नैतिक AI मानकों को बढ़ावा।

निष्कर्ष

  • एंगेल्स का विराम दिखाता है कि उत्पादकता बढ़ने से कल्याण स्वतः नहीं बढ़ता
  • AI लाभों का असमान वितरण वेतन वृद्धि रोक सकता है और सामाजिक अशांति ला सकता है।
  • समाधान:
    • पुनःकौशल में निवेश
    • AI लाभों का पुनर्वितरण
    • AI बुनियादी ढाँचे को सार्वजनिक वस्तु मानना

संक्षेप में, चुनौती AI नहीं, बल्कि इसके लाभों को कैसे साझा किया जाए है। प्रगति में देरी का मतलब है, वास्तविक प्रगति का न होना

यूपीएससी मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न-

प्रश्न: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उद्भव में एक आधुनिक एंगेल्स विराम (एंगेल्स पॉज़) की स्थिति उत्पन्न करने की क्षमता है, जहाँ उत्पादकता लाभ व्यापक कल्याण में परिवर्तित नहीं हो सकते। एंगेल्स विराम की अवधारणा, एआई युग में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए और समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु नीतिगत उपाय सुझाइए।(15 marks, 250 words)

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