Editorial Corner Hindi

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हिमालयी बादलों में विषैली धातुएँ: स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए उभरता संकट

चर्चा में क्यों ? हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत बोस संस्थान द्वारा किए गए एक शोध में यह तथ्य सामने आया कि हिमालयी बादलों में अब विषैली भारी धातुएँ जैसे कि कैडमियम, क्रोमियम, कॉपर और जिंक उपस्थित हैं। ये तत्व कैंसरजन्य (Carcinogenic) और गैर-कैंसरजन्य रोगों के साथ-साथ पर्यावरणीय पारिस्थितिकीय असंतुलन के …

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भारत की मलेरिया से लड़ाई: नवाचार, टीके और 2030 तक उन्मूलन की दिशा

संबंध: GS पेपर III-स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वैश्विक स्वास्थ्य और नीति, और पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय पहलू संदर्भ2023 में, मलेरिया ने लगभग 294 मिलियन लोगों को संक्रमित किया और लगभग 600,000 मौतों का कारण बना। वैश्विक स्तर पर  मलेरिया प्रगति रुक गई है, क्योंकि परजीवी उपचारों के प्रति मच्छर प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर …

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भारत की पुलिस को डर्टी हैरी की छाया से बाहर निकलना होगा।

UPSC प्रासंगिकता Prelims विषय: D.K. Basu मामला, UNCAT, Global Torture Index 2025, PEACE मॉडल GS Paper 2: पुलिस सुधार और जवाबदेही, अनुच्छेद 21 और कस्टोडियल हिंसा, UNCAT और मानवाधिकार कर्तव्य GS Paper 4: कानून का शासन बनाम सत्ता का दुरुपयोग, पूछताछ में नैतिकता, पुलिसिंग में गरिमा और अखंडता Essay Paper: न्याय, अधिकार और शासन, आंतरिक …

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छात्र आत्महत्या संकट: सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश और भारत की मानसिक स्वास्थ्य चुनौती

UPSC CSE के लिए प्रासंगिकता (Relevance for UPSC CSE) प्रसंग: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक हस्तक्षेप भारत में छात्रों द्वारा आत्महत्या (Student Suicide) करना अब केवल व्यक्तिगत संकट नहीं, बल्कि संस्थागत विफलता (Institutional Failure) का स्पष्ट संकेत बन चुका है। 25 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश भर के स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग …

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ध्रुव नीति

चर्चा में क्यों ? “ध्रुव नीति” (DHRUVA) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देश में डिजिटल पता प्रबंधन प्रणाली को मानकीकरण, इंटरऑपरेबिलिटी और नागरिकों की सहमति पर आधारित बनाना है। यह नीति भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई है और इसे “डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस” (Digital Hub …

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भारत को अलग-अलग संविधान मसौदों में कैसे देखा गया (1895–1948)

UPSC प्रासंगिकता – मेन्स: चर्चा में क्यों है? भारत अपनी लोकतांत्रिक गणराज्य के सात दशकों से अधिक का जश्न मना रहा है, और इस बीच 1950 से पहले के भारत के संविधानिक दृष्टिकोण पर बढ़ती अकादमिक रुचि देखी जा रही है। 1895 से 1948 के बीच, राष्ट्रीय विचारकों द्वारा विभिन्न संविधान मसौदों का प्रस्ताव किया …

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भारत-यू.के. मुक्त व्यापार समझौता: सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक चुनौती

यूपीएससी प्रासंगिकता प्रारंभिक परीक्षा- भारत के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए), उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों का विनियमन, मेक्सिको की पोषण नीतियों या नमस्ते योजना पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) और आर्थिक भूगोल के लिए भी प्रासंगिक। मुख्य परीक्षा प्रासंगिकता : यह विषय सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र II (स्वास्थ्य एवं शासन) …

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भारत की पहली खनन पर्यटन परियोजना की शुरुआत

चर्चा में क्यों ?झारखंड जल्द ही भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो खनन पर्यटन परियोजना शुरू करेगा। यह परियोजना राज्य को न केवल खनिज संसाधनों से समृद्ध करेगा, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक और शैक्षिक पर्यटन केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगा। इस पहल को झारखंड सरकार और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) …

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