Editorial Corner Hindi

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भारत-फिजी संबंध: एक नया सामरिक और रणनीतिक अध्याय

प्रासंगिकता: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भारत और फिजी के बीच संबंध 1879 में शुरू हुए जब लगभग 60,553 भारतीयों को 1879 से 1916 के बीच गन्ने के खेतों में काम करने के लिए गिरमिटिया मजदूरों के रूप में फिजी भेजा गया। बाद में, व्यापारी और अन्य समुदायों के भारतीय भी फिजी में बसने लगे। 1920 में गिरमिटिया …

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आधुनिक युद्ध में डिकोय: युद्धक्षेत्र में छल से लेकर AI-सक्षम फाइबर-ऑप्टिक सिस्टम तक

यूपीएससी प्रासंगिकता-जीएस पेपर-3, विज्ञान और प्रौद्योगिकी चर्चा में क्यों? ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय वायु सेना  ने अपने राफेल लड़ाकू विमानों पर एआई-सक्षम X-Guard फाइबर-ऑप्टिक टो डिकोय (FOTD) सिस्टम का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है। ये सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट का हिस्सा हैं और माना जा रहा है कि इसने दुश्मन के …

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130वाँ संशोधन संविधान विधेयक, 2025: भारतीय राजनीति में ईमानदारी और निष्पक्षता का संतुलन

UPSC प्रासंगिकता समाचार में क्यों? 20 अगस्त 2025 को सरकार ने लोकसभा में 130वाँ संविधान संशोधन विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी आपराधिक मामले में, जिसमें 5 साल या उससे अधिक की सज़ा हो, या हो सकती है, लगातार 30 दिन से अधिक हिरासत में रहते हैं, …

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“भारत की न्यायपालिका में एआई का समावेश: संभावनाएँ, चुनौतियाँ और वैश्विक परिप्रेक्ष्य”

GS Paper 2 — शासन, संविधान, न्यायपालिका: GS Paper 3 — विज्ञान और प्रौद्योगिकी: चर्चा के बिंदु: इस साल जुलाई में केरल हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण पहल की है, इसने जिला न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। यह नीति भारत की पहली ऐसी पहल है जो न्यायिक प्रक्रियाओं में …

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एआई(AI) बाधक नहीं, बल्कि सहायक: भारत की कार्यबल के लिए समावेशिता का निर्माण

UPSC के लिए प्रासंगिकता● GS पेपर II (शासन): एआई नीति, नियमन और समावेशिता● GS पेपर III (अर्थव्यवस्था और तकनीक): एआई का रोजगार, उत्पादकता और एमएसएमई पर प्रभाव● निबंध: “कृत्रिम बुद्धिमत्ता: विकास में एक साझेदार, न कि आजीविका के लिए खतरा” समाचार में क्यों? कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial intelligence) दुनियाभर में उत्पादकता और नवाचार का एक प्रमुख …

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भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण: अवसर, चुनौतियाँ और आगे की राह

यूपीएससी प्रासंगिकता प्रारंभिक परीक्षा- जैव ईंधन की मूल बातें, इथेनॉल उत्पादन, मिश्रण लक्ष्य, राष्ट्रीय जैव-ऊर्जा मिशन, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम, फीडस्टॉक: गन्ना, मक्का, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न। मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन-I: कृषि भूगोल; महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में जल संकट, सामान्य अध्ययन-III: ऊर्जा सुरक्षा, जैव ईंधन, ईवी परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन शमन। चर्चा में क्यों? 2025 में भारत …

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एम. एस. स्वामीनाथन: भारत को अन्न देने वाले व्यक्ति से सबक

UPSC प्रासंगिकता: ● प्रीलिम्स: हरित क्रांति, नॉर्मन बोरलॉग, PL 480, भारत में कृषि अनुसंधान और विकास।● मेंस (GS-3): खाद्य सुरक्षा, कृषि नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति, टिकाऊ कृषि।   2025 में एम. एस. स्वामीनाथन की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। ये वही वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारत की हरित क्रांति (Green Revolution) का जनक कहा …

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वैश्विक भुखमरी को समाप्त करने का मार्ग भारत से होकर गुजरता है

यूपीएससी प्रासंगिकता- प्रारंभिक परीक्षा – ONORC, प्रधानमंत्री पोषण योजना, ICDS, एग्रीस्टैक, ई-नाम, SOFI रिपोर्ट मुख्य परीक्षा- GS पेपर II – शासन और सामाजिक न्याय ● सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार ● कल्याणकारी योजनाएँ (ICDS, प्रधानमंत्री पोषण) ● खाद्य सुरक्षा में डिजिटल शासन GS पेपर III – कृषि और अर्थव्यवस्था ● कृषि-खाद्य प्रणाली में सुधार ● …

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बायोचार: कार्बन उत्सर्जन घटाने और मिट्टी की सेहत के लिए टिकाऊ समाधान

UPSC में प्रासंगिकता क्यों चर्चा में? भारत 2026 में अपना राष्ट्रीय कार्बन मार्केट लॉन्च करने जा रहा है। ऐसे समय में, बायोचार एक आशाजनक निगेटिव एमिशन टेक्नोलॉजी बनकर उभर रहा है, जो कृषि, ऊर्जा, निर्माण और कचरा प्रबंधन क्षेत्रों में लाभ दे सकता है। इसके बावजूद, बायोचार का उपयोग अभी भी बहुत कम है और …

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भारत के स्वास्थ्य शासन में नागरिक सहभागिता का पुनर्जीवित किया जाना

UPSC प्रासंगिकता समाचार में क्यों है? हाल ही में तमिलनाडु की मक्कलाई थेडी मरुधुवम (2021) और कर्नाटका की गृह आरोग्य योजना (2024, 2025 में विस्तारित) जैसे स्वास्थ्य पहलें नागरिकों के घरों तक गैर-संक्रामक रोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सीधे पहुंचाने का उद्देश्य रखती हैं। हालांकि ये कार्यक्रम सुलभता में प्रगति को दर्शाते हैं, पर ये …

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