UPSC हेतु प्रासंगिकता • GS Paper 3 – रक्षा प्रौद्योगिकी, आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, स्वदेशीकरण • प्रीलिम्स –सरकारी पहल, रक्षा से जुड़ी योजनाएँ, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी |
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में 4 अगस्त 2025 को भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने IIT मद्रास के परिसर में भारतीय सेना अनुसंधान केंद्र का शिलान्यास व उद्घाटन किया जिसे ‘अग्निशोधन’ नाम दिया गया है। यह रक्षा नवाचार और आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक को तेज करने हेतु गठित एक केंद्र है ।

मुख्य उद्देश्य
- प्रयोगशाला से क्षेत्र तक नवाचार (Lab-to-Field Innovation) को बढ़ावा देना।
- भारतीय सेना के लिए स्वदेशी रक्षा तकनीकों का विकास करना।
- IIT मद्रास, AMTDC, Pravartak Foundation जैसे संस्थानों के सहयोग से तकनीकी समाधान विकसित करना।
- सेना कर्मियों को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना:
- क्वांटम कंप्यूटिंग
- साइबर सुरक्षा
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग
- वायरलेस संचार
- मानव रहित विमान प्रणाली
पाँच स्तंभीय परिवर्तन’ ढाँचा
‘अग्निशोधन’ केंद्र निम्नलिखित पाँच स्तंभों पर आधारित है:
- प्रौद्योगिकी को आत्मसात करना
- संरचनात्मक बदलाव करना
- मानव संसाधन का विकास करना
- तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना
- आधुनिकीकरण एवं प्रौद्योगिकी समावेशन को आगे बढ़ाना
रक्षा आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता क्यों ?
- SIPRI के अनुसार, 2024 में वैश्विक सैन्य व्यय $2,718 बिलियन रहा — 2023 की तुलना में 9.4% वृद्धि।
- नॉन-काइनेटिक वारफेयर (जैसे साइबर, स्पेस, AI) में तेजी से नवाचार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
महत्त्व
‘अग्निशोधन’ जैसे अनुसंधान केंद्र आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए साइबर, अंतरिक्ष, AI, हाइपरसोनिक व रोबोटिक्स तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा देते हैं, जिससे भारत के रक्षा तंत्र का स्वदेशीकरण और आधुनिकीकरण संभव हो सके।
रक्षा आधुनिकीकरण की अन्य प्रमुख पहलें iDEX (Innovation for Defence Excellence) – 2018 *रक्षा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया। *MSMEs, स्टार्टअप्स, R&D संस्थानों और शिक्षाविदों को शामिल करता है। *उद्देश्य: अत्याधुनिक सैन्य समाधान तैयार करना। 🔸 उप-योजना: ADITI (Assisting Development of Innovative Technologies with iDEX) – उभरती तकनीकों को तेजी से विकसित करने हेतु सहायता योजना। SRIJAN पोर्टल और MAKE परियोजनाएं *रक्षा उत्पादन विभाग (DDP) द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर पहल। *उद्देश्य: रक्षा उत्पादों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना। 🔸 MAKE परियोजनाएं तीन श्रेणियों में: सरकार द्वारा वित्त पोषित उद्योग द्वारा वित्त पोषित तकनीक हस्तांतरण (ToT) आधारित “भारत में निर्मित” मॉडल FDI नीति में सुधार रक्षा क्षेत्र में FDI सीमा बढ़ाई गई: *74% तक – स्वचालित मार्ग से *100% तक – सरकारी मार्ग से (कुछ शर्तों के साथ) उद्देश्य: तकनीकी सहयोग और निवेश को आकर्षित करना। ‘Year of Reforms’ – 2025 रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया। लक्ष्य: *संयुक्त थिएटर कमांड्स का क्रियान्वयन *AI, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, रोबोटिक्स आदि में क्षमता वृद्धि *तेज़, पारदर्शी और लचीली खरीद नीति (Defence Acquisition Process) *P‑P‑P मॉडल को प्रोत्साहन देना |
UPSC PYQ
1. कभी-कभी समाचार में उल्लिखित ‘टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (टी.एच.ए.ए.डी.)’ क्या है? (UPSC Prelims 2018)
(a) इज़रायल की एक राडार प्रणाली
(b) भारत का घरेलू मिसाइल-प्रतिरोधी कार्यक्रम
(c) अमेरिकी मिसाइल-प्रतिरोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग
उत्तर: (c)
2. INS अस्रधारिणी’, जिसका हाल ही में समाचारों में उल्लेख हुआ था, निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वोत्तम वर्णन है? (UPSC Prelims 2016)
(a) उभयचर युद्धपोत
(b) नाभिकीय शक्ति-चालित पनडुब्बी
(c) टॉरपीडो प्रमोचन और पुनःप्राप्ति (recovery) जलयान
(d) नाभिकीय शक्ति-चालित विमान-वाहक
उत्तर: (c)
UPSC PRACTICE MCQ
अग्निशोधन’ केंद्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(a) अंतरिक्ष मिशनों की निगरानी
(b) भारतीय सेना के लिए रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकों का विकास
(c) समुद्री सीमाओं की सुरक्षा हेतु नौसेना प्रशिक्षण
(d) मानव अंतरिक्ष उड़ानों के लिए अनुसंधान
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