प्रासंगिकता:
- प्रिलिम्स
- वित्तीय समावेशन: GS-III: आर्थिक विकास
- RBI की भूमिका: GS-III: बैंकिंग प्रणाली
मुख्य बिंदु
10 साल बाद पहला लाइसेंस: RBI ने 10 साल के अंतराल के बाद पहली बार किसी बैंक को यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस दिया है।
- लाइसेंस प्राप्तकर्ता: AU स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU SFB) को यह लाइसेंस मिला है।
- अपग्रेड का रास्ता: RBI ने AU SFB को स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) से यूनिवर्सल बैंक में बदलने के लिए “सैद्धांतिक मंजूरी” प्रदान की है।
- पिछले उदाहरण: इससे पहले, 2014 में बंधन बैंक और IDFC बैंक (अब IDFC फर्स्ट बैंक) को यह लाइसेंस मिला था।

AU स्माल फाइनेंस बैंक के बारे में:
चार्टर्ड अकाउंटेंट और पहली पीढ़ी के उद्यमी संजय अग्रवाल ने 1996 में एयू फाइनेंसर्स की स्थापना की। जयपुर, राजस्थान में मुख्यालय वाली इस खुदरा-केंद्रित गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी ने 2015 में एसएफबी लाइसेंस प्राप्त किया और एयू फाइनेंसर्स ने 19 अप्रैल, 2017 को एसएफबी के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।
स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) के बारे में
उत्पत्ति और उद्देश्य
- घोषणा: 2014-15 के केंद्रीय बजट में की गई थी।
- मुख्य लक्ष्य: वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देना।
विनियमन ढांचा
- पंजीकरण: कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत।
- नियमन: बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत लाइसेंस और नियंत्रण।
पूंजी आवश्यकता
- न्यूनतम पूंजी: ₹200 करोड़ (कुछ SFB के लिए अपवाद संभव)।
पात्र प्रमोटर्स
- भारतीय निवासी होने चाहिए और बैंकिंग/वित्त में 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस क्या है?
यह लाइसेंस बैंक को सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर देने की अनुमति देता है, जैसे:
- वाणिज्यिक बैंकिंग
- निवेश बैंकिंग
- रिटेल बैंकिंग
- अन्य वित्तीय सेवाएं
SFB से यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए पात्रता शर्तें
1. परिचालन स्थिति
- कम से कम 5 वर्षों से अनुसूचित बैंक का दर्जा होना चाहिए।
- बैंक को किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होना चाहिए।
2. वित्तीय आवश्यकताएं
- न्यूनतम निवल मूल्य (Net Worth): ₹1,000 करोड़।
- लाभप्रदता: पिछले 2 वित्तीय वर्षों में निवल लाभ होना चाहिए।
- परिसंपत्ति गुणवत्ता:
- सकल NPA (G-NPA) और निवल NPA (N-NPA) पिछले 2 वर्षों में क्रमशः 3% और 1% से कम या बराबर होने चाहिए।
3. प्रमोटर संबंधी शर्तें
- इस बदलाव के दौरान कोई नया प्रमोटर नहीं जोड़ा जा सकता।
- मौजूदा प्रमोटर्स में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।
4. प्राथमिकता
- विविध ऋण पोर्टफोलियो वाले SFB को प्राथमिकता दी जाती है।
निष्कर्ष:
RBI द्वारा AU स्मॉल फाइनेंस बैंक को यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस प्रदान करना भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह निर्णय न केवल बैंकिंग सुधारों की निरंतरता को दर्शाता है, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी मजबूती प्रदान करेगा। इससे ग्राहकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर व्यापक बैंकिंग सेवाएं प्राप्त होंगी और MSME सेक्टर को विशेष लाभ होगा। हालांकि, NPA प्रबंधन और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की चुनौतियां भी सामने आएंगी। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, साथ ही भारतीय बैंकिंग प्रणाली को वैश्विक मानकों के करीब ले जाएगा।
2021 प्रारंभिक परीक्षा
प्रश्न: भारत में ‘लघु वित्त बैंकों’ (SFBs) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- वे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को 75% ऋण देने के लिए बाध्य हैं
- उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 25% शाखाएं स्थापित करनी होती हैं
- उनकी न्यूनतम पेड-अप पूंजी ₹500 करोड़ है
सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
सही उत्तर: (a) केवल 1 और 2
UPSC MAINS QUESTION
प्रश्न: “भारत में बैंकों के समामेलन और यूनिवर्सल बैंकिंग मॉडल ने वित्तीय स्थिरता को कैसे प्रभावित किया है? विश्लेषण कीजिए।” (250 शब्द) 2022
प्रश्न: “लघु वित्त बैंकों ने भारत में वित्तीय समावेशन को किस सीमा तक बढ़ावा दिया है? उनकी चुनौतियों का भी उल्लेख कीजिए।” (150 शब्द) 2020