इस लेख से क्या अपेक्षा करें:
- UPSC CSE के लिए प्रासंगिकता
- संदर्भ/क्यों समाचार में है
- यूनेस्को क्या है?
- यूनेस्को के मुख्य उद्देश्य
- USA का यूनेस्को से जुड़ना और बाहर जाना: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: एक अवलोकन
- भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल
- भारत के लिए यूनेस्को का महत्व
- निष्कर्ष
- पिछले वर्षों के परीक्षा प्रश्न
- अभ्यास प्रश्न
UPSC CSE के लिए प्रासंगिकता
GS Paper – 2 – महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ, समूह और समझौतें जो भारत से संबंधित हैं और/या भारत के हितों पर प्रभाव डालते हैं, क्षेत्रीय समूह

क्यों समाचार में है: USA का UNESCO से बाहर निकलना
22 जुलाई 2025 को संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) ने यूनेस्को (UNESCO) से दूसरी बार बाहर निकलने का फैसला लिया। अमेरिकी राज्य विभाग (U.S. State Department) ने कहा कि यूनेस्को में निरंतर भागीदारी संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय हित (national interest) में नहीं है। इसके पीछे कारण था इज़राइल (Israel) के प्रति यूनेस्को का पक्षपाती (biased) रवैया और विभाजनकारी एजेंडा (divisive agenda)। यह निर्णय डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कार्यकाल में 2017 में लिए गए पहले निर्णय का अनुसरण करता है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर एक बार फिर से अमेरिका ने इस संगठन से संबंध तोड़ दिए हैं। यह घटना यूनेस्को के भविष्य पर वैश्विक राजनीति और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिरता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है।
यूनेस्को क्या है?
यूनेस्को (UNESCO), अर्थात संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization), एक संयुक्त राष्ट्र (UN) का विशेष एजेंसी है। 1945 में स्थापित यह संगठन वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है। पेरिस (Paris) में इसका मुख्यालय स्थित है और इसके पास 193 सदस्य देश (193 member states) और 11 सहायक सदस्य (11 associate members) हैं।
यूनेस्को के मुख्य उद्देश्य
- शिक्षा (Education): सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आजीवन सीखने का अवसर प्रदान करना।
- संस्कृति (Culture): सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना और दुनिया भर में सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करना।
- विज्ञान (Science): स्थायी विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और सहयोग को बढ़ावा देना।
- सामाजिक और नैतिक चुनौतियाँ (Social and Ethical Challenges): लिंग असमानता, सांस्कृतिक संघर्ष और अन्य सामाजिक मुद्दों पर काम करना।
USA का यूनेस्को से जुड़ना और बाहर जाना: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
यूएसए का यूनेस्को के साथ संबंध जटिल और उतार-चढ़ाव वाला रहा है। इस बारे में निम्नलिखित विवरण है:
1. यूनेस्को में यूएसए की एंट्री (1945)
संयुक्त राज्य अमेरिका यूनेस्को के संस्थापक सदस्य (founding member) के रूप में शामिल हुआ था, जब इसे 1945 में स्थापित किया गया था। यूनेस्को का उद्देश्य वैश्विक शांति को बढ़ावा देने और देशों के बीच बौद्धिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग को सुदृढ़ करना था।
2. यूएसए का यूनेस्को से बाहर जाना (1984)
1984 में रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) के राष्ट्रपति बनने पर यूएसए ने यूनेस्को से बाहर निकलने का निर्णय लिया। इसके मुख्य कारण थे:
- राजनीतिक पक्षपाती (Political Bias): यूनेस्को पर यह आरोप था कि वह सोवियत संघ (Soviet Union) और मार्क्सवादी विचारधारा के साथ अधिक जुड़ा हुआ था।
- वित्तीय समस्याएँ (Financial Issues): यूनेस्को के बजट में गड़बड़ी और इसके खर्चों को लेकर चिंताएँ भी बाहर जाने का एक कारण बनीं।
3. यूनेस्को में यूएसए का पुनः प्रवेश (2003)
2003 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश (George W. Bush) के राष्ट्रपति बनने पर यूएसए ने यूनेस्को में पुनः प्रवेश किया। इसका उद्देश्य वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना था, विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी युद्ध (War on Terror) के संदर्भ में।
4. यूनेस्को से यूएसए का बाहर जाना (2017)
2017 में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका ने फिर से यूनेस्को से बाहर निकलने का फैसला लिया। इसके कारण थे:
- इज़राइल के खिलाफ पक्षपाती (Bias Against Israel): यूनेस्को द्वारा फिलिस्तीन (Palestine) को सदस्यता प्रदान करना अमेरिका के लिए अस्वीकार्य था।
- वैश्विक एजेंडा (Global Agenda): यूनेस्को का वैश्विक एजेंडा अमेरिका के राष्ट्रीय हितों से मेल नहीं खाता था।
5. यूनेस्को में यूएसए का पुनः प्रवेश (2021)
2021 में जो बाइडन (Joe Biden) के राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिका ने ट्रंप के फैसले को पलटते हुए यूनेस्को में पुनः प्रवेश किया। इसका उद्देश्य वैश्विक सहयोग और मल्टीलेटरल अप्रोच (multilateral approach) को बढ़ावा देना था।
6. यूनेस्को से यूएसए का बाहर जाना (2025)
2025 में, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल (second term) में, अमेरिका ने फिर से यूनेस्को से बाहर निकलने का फैसला लिया, यह यूनेस्को के इज़राइल और फिलिस्तीन संबंधित नीतियों पर आधारित था।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: एक अवलोकन
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Sites) वे स्थान हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने सांस्कृतिक, प्राकृतिक, या मिश्रित महत्व के रूप में मान्यता दी है। इन स्थलों को वैश्विक महत्व (universal value) और सुरक्षा (preservation) के दृष्टिकोण से संरक्षित किया जाता है।
भारत में 43 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 35 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं। इनमें ताज महल, आजंता गुफाएँ, सुनदर्बन्स राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्रसिद्ध स्थल शामिल हैं।
विश्व धरोहर स्थल चयन प्रक्रिया
यूनेस्को द्वारा किसी स्थल को विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में शामिल करने के लिए उसे विशिष्ट मानक (criteria) पर खरा उतरना होता है। ये मानक संस्कृतिक (cultural) और प्राकृतिक (natural) दोनों प्रकार के महत्व को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किए गए हैं।
भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल
भारत में 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं:
- सांस्कृतिक स्थल: जैसे ताज महल, आजंता और एल्लोरा गुफाएँ, कांची शेर मंदिर, काज़ीरंगा नेशनल पार्क।
- प्राकृतिक स्थल: जैसे सुनदर्बन्स राष्ट्रीय पार्क, वेस्टर्न घाट, नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान।
- मिश्रित स्थल: जैसे कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क (सिक्किम), जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों रूपों में महत्वपूर्ण है।
भारत के लिए यूनेस्को का महत्व
भारत का यूनेस्को में योगदान और इसके साथ काम करना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर (cultural heritage), वैज्ञानिक उन्नति (scientific advancement), और वैश्विक कूटनीति (global diplomacy) के लिए।
सांस्कृतिक धरोहर और संरक्षण (Cultural Heritage and Preservation):
भारत में 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Sites) हैं, जिनमें प्रमुख स्थलों (important sites) जैसे ताज महल (Taj Mahal), काज़ीरंगा राष्ट्रीय पार्क (Kaziranga National Park), और कुतुब मीनार (Qutub Minar) शामिल हैं। यूनेस्को का रोल (role) इन स्थलों को मान्यता (recognize) देना और उन्हें संरक्षित (protect) करना भारत की सांस्कृतिक पहचान (cultural identity) और प्राकृतिक संसाधन (natural resources) के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रयास (Scientific and Educational Initiatives):
भारत यूनेस्को के ग्लोबल एजुकेशन 2030 एजेंडा (Global Education 2030 Agenda) और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (Sustainable Development Goals) में योगदान करता है। भारत ने यूनेस्को के साथ मिलकर वैज्ञानिक अनुसंधान (scientific research), जलवायु परिवर्तन (climate change) और पर्यावरणीय स्थिरता (environmental sustainability) को बढ़ावा दिया है।
लिंग समानता और सामाजिक विकास (Promoting Gender Equality and Social Development):
भारत ने यूनेस्को के लिंग समानता (gender equality) पहल में भी योगदान दिया है, जिसका लक्ष्य महिलाओं (women) और लड़कियों (girls) को शिक्षा (education), रोज़गार (employment), और सामाजिक सुधार (social justice) में आने वाली चुनौतियों को दूर करना है। भारत के प्रयास यूनेस्को के वैश्विक प्राथमिकताओं (global priorities) के साथ मेल खाते हैं।
भारत का अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage):
भारत ने अपनी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (intangible cultural heritage) को संरक्षित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। जैसे कि दुर्गा पूजा, कोलकाता को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर of Humanity के रूप में यूनेस्को ने मान्यता दी (UNESCO recognized it as part of the Intangible Cultural Heritage of Humanity), जो भारत की सांस्कृतिक परंपराओं (cultural traditions) को संरक्षित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता (commitment) दर्शाता है।
निष्कर्ष
यूनेस्को का उद्देश्य वैश्विक शांति, शिक्षा, संस्कृति, और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देना है। हालांकि, अमेरिका का यूनेस्को से बाहर जाना वैश्विक बहुपक्षीय सहयोग के लिए एक चुनौती है, फिर भी यूनेस्को का वैश्विक धरोहर संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल न केवल हमारी संस्कृतिक धरोहर (cultural heritage) को संरक्षित करने का काम करते हैं, बल्कि वैश्विक साझेदारी (global cooperation) में भारत की भागीदारी को भी दर्शाते हैं।
पिछले वर्षों के परीक्षा प्रश्न
2024:
यूनेस्को (UNESCO) द्वारा जारी विश्व धरोहर सूची में शामिल की गई निम्नलिखित संपत्तियों पर विचार कीजिए:
1. शांतिनिकेतन
2. रानी-की-वाव
3. होयसलों के पवित्र मंदिर समूह
4. बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर
उपयुक्त में से कितनी संपत्तियों को वर्ष 2023 में शामिल किया गया?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (b)
अभ्यास प्रश्न
Prelims:
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन सा/कौन सी यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया है?
- ताज महल (Taj Mahal)
- चंद्रगुप्त मौर्य किला (Chandragupta Maurya Fort)
- सांची स्तूप (Sanchi Stupa)
- कश्मीरी किला (Kashmiri Fort)
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार
उत्तर: (a) केवल एक
Mains Practice Question:
प्रश्न: यूनेस्को (UNESCO) के महत्व और भारत के लिए इसके योगदान पर विस्तृत विश्लेषण करें। यह भी स्पष्ट करें कि भारत के यूनेस्को के साथ सहयोग से किस प्रकार की वैश्विक साझेदारी (global cooperation) और स्थायी विकास (sustainable development) में योगदान मिल रहा है। (10 Marks, 150 Words)