ताइवान में 7.5 तीव्रता का भूकंप

ताइवान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया जिससे जान और माल दोनो की हानी देखने को मिली तथा आस पास के देश भी प्रभावित हुए । इसके झटके जापान और फिलीपींस जैसे पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए। ताइवान के मौसम विभाग के अनुसार :– भूकंप ईस्ट ताइवान के हुलिएन शहर में आया।

भूकंप का केंद्र धरती से 34 किलोमीटर नीचे बताया गया । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ताइवान में 100 से ज्यादा आफ्टरशॉक महसूस किए गए । ताइवानी सेंट्रल वेदर ब्यूरो के अनुसार , इतना तीव्र भूकंप ताइवान में 25 साल आया भूकंप है। 1999 में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था जो इससे अधिक तीव्र था । उस समय 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

भूकंप के कारण जापान-फिलीपींस ने सुनामी का अलर्ट
भूकंप के बाद ताइवान, जापान और फिलीपींस ने अपने अपने देश में सुनामी का अलर्ट जारी किय। जिसमे जापान के मौसम विभाग ने समुद्र में 3 मीटर ( 10 फीट ) तक की लहरें उठने की चेतावनी जारी की ।इससे पहले जापान में साल के पहले ही दिन 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था । 1 जनवरी 2024 को आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के कारण सुनामी भी आ गई थी। जिससे वाजिमा शहर में करीब 4 फीट ऊंची (1.2 मीटर) लहरें उठी थीं।

इस क्षेत्र में इतने भूकंप क्यों आते है :–

यह पूरा क्षेत्र रिंग ऑफ फायर के अंतर्गत आता है जापान भूकंप के लिए सेंसिटिव है। जापान में अधिक भूकंप आने का मुख्य कारण इसकी अवस्थिति है । क्योंकि जापान दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के नजदीक स्थित है।

क्या है रिंग ऑफ फायर क्षेत्र :– यह ऐसा क्षेत्र है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स और ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स एक साथ मौजूद हैं।
ये प्लेट्स जब भी आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है।

क्यों आता है भूकंप?

भूगर्भ वैज्ञानिकों के के अनुसार , भूकंप आने का मुख्य कारण टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है इसी के साथ कई और कारण होते है जिससे भूकंप आते है इन कारणों में प्राकृतिक और मानवीय दोनों कारक उत्तरदाई है। जैसे उल्का प्रभाव , ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग , न्यूक्लियर टेस्टिंग , डेम का निर्माण, विकाश की योजनाएं से भी भूकंप आते हैं।

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 या इससे अधिक की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है। भूकंप के कारण ही यहां सुनामी आती है और वोल्केनो के फटते की घटना भी होती हैं। दुनिया में आने वाले 90% भूकंप इस रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में ही आते हैं। यह क्षेत्र का विस्तारित क्षेत्रफल 40 हजार किलोमीटर है।

दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में स्थित हैं। रिंग ऑफ फायर की जद में आने वाले 15 देश- जापान, रूस, फिलीपींस, इंडोनेशिया, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया हैं।

दुनिया और आने वाले भूकंप :–

प्रत्येक वर्ष दुनिया में तकरीबन 20 हजार भूकंप आते हैं लेकिन सभी भुकंप समान तीव्रता के नहीं होते ना ही समान विनाशकारी होते है। नेशनल अर्थक्वेक इंफॉर्मेशन सेंटर के द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 भूकंप रिकॉर्ड किए जाते है। 20,000 भूकंपो में से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान अधिक होता है। भूकंप कुछ सेकेंड से ले कर कुछ मिनट तक रह सकते है।

अब तक आए भूकंपों के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।

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