चर्चा में क्यों :–
हाल ही में जम्मू कश्मीर क्षेत्र में नवरेह उत्सव का आयोजन किया गया
नवरेह को कश्मीरी नव वर्ष भी कहा जाता है

इस उत्सव को कश्मीरी हिंदुओं द्वारा कश्मीरी नव वर्ष के पहले दिन उत्सव के रूप में मनाया जाता है ,इस उत्सव में मुख्य रूप से कश्मीरी हिंदू समुदाय के कश्मीरी पंडित सामिल होते हैं ।
नवरेह त्योहार देवी शारिका को समर्पित होता हैं ।
इस उत्सव को कश्मीरी हिंदू कैलेंडर के चैत्र (मार्च-अप्रैल) महीने के शुक्ल पक्ष (शुक्ल पक्ष) के पहले दिन आयोजित किया जाता है।
उत्सव से एक दिन पूर्व स्नान का एक आयोजन होता है जिस द्वारान श्रद्धालु पवित्र विचर नाग के झरने की यात्रा करते हैं तथा इस झरने में स्नान करते है। स्नान करना एक विषेश परंपरा है जिसमे स्नान करके मलिनता को त्यागा जाता हैं। स्नान के पश्चात् प्रसाद ग्रहण किया जाता है।इस प्रसाद को ‘व्ये’ के नाम से जानते हैं।
इस प्रसाद को बनाने में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ का प्रयोग किया जाता है।