विश्व प्रवासन रिपोर्ट, 2024

चर्चा में क्यों:–

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के द्वारा विश्व प्रवासन रिपोर्ट, 2024 को जारी किया गया।

इस रिपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के महानिदेशक एमी पोप ने औपचारिक रूप से बांग्लादेश में जारी किया ।

बांग्लादेश वर्तमान में उत्प्रवास, आव्रजन और
विस्थापन के साथ ही अन्य प्रवासन की चुनौतियों में सबसे आगे है।

रिपोर्ट में सम्मिलित मुख्य पहलू :–

⦁ इस रिपोर्ट में वैश्विक प्रवासन पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलावों पर खुलासा किए गए।

⦁ इस रिपोर्ट में विस्थापित लोगों की रिकॉर्ड संख्या को सामिल किया गया

⦁ अंतरराष्ट्रीय प्रेषण में बड़ी वृद्धि को शामिल किया गया।

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य बातें :–

संघर्ष और जलवायु परिवर्तन को विश्व भर में विस्थापन के लिए मुख्य उत्तरदायी कारण माना गया है।

विश्वभर में कुल लगभग 281 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या है। जिसमें से 117 मिलियन विस्थापित हैं, विस्थापित का यह अब तक का सबसे उच्चतर रिकॉर्ड है।

रिपोर्ट में भारत की स्थितिः

विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी आबादी की सबसे अधिक संख्या भारतीयों (18 मिलियन) की है।

रिपोर्ट में कहा गया है की उत्तर प्रदेश , राजस्थानvऔर मध्य प्रदेश जैसे भारतीय राज्यों में आंतरिक प्रवासन में जलवायु स्थितियों की प्रमुख भूमिका होती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ऐसे देश है जो भारतीय प्रवाशियो को अधिक या मुख्य रूप से आकर्षित करते हैं।

भारत में प्रवासियों का कितना महत्वपूर्ण योगदान है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2022 में भारत को विश्व में सबसे अधिक विप्रेषण (Remittance) प्राप्त हुआ जो की 111 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का था।

कितनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत एकमात्र देश है

प्रवासियों के सामने प्रमुख समस्याएं:–

⦁ अल्प विकसित या विकासशील देशों के व्यक्तियों को प्रवासन के साधन और मार्ग कम उपल्ब्ध होना

⦁ अधिक लोग गैर- कानूनी प्रवासन मार्ग अपनाने हैं।

⦁ नए देश में नस्लवाद, नफरत या द्वेष (जेनोफोबिया) का इन प्रवासियों को सामना करना ।
⦁ अपराधीकरण, लैंगिक हिंसा और कई अन्य मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे अनेक मुद्दे

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) :–

स्थापित :– 1951 में ।

यह संगठन संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में शामिल है।

मुख्यालयः जिनेवा (स्विट्जरलैंड)।

सदस्यः 175 सदस्य देश।

उद्देश्यः विस्थापन से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालना और नियमित प्रवासन के लिए मार्ग को आसान बनाने के उपाय करना।

विस्थापन से जुड़ी मुख्य पहलेंः ग्लोबल कॉम्पैक्ट फॉर माइग्रेशन ।

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